ऊंट पालकों के लिए अच्छी खबर, ऊंट के बच्चे के जन्म पर 20,000 रुपए देगी राजस्थान सरकार

रिपोर्ट- काजल मनोहर
जयपुर: राजस्थान के ऊंट पशु पालकों के लिए खुशखबरी है. पशुपालन विभाग ने ऊंट पालकों की प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की है. विभाग ने प्रोत्साहन राशि दस हजार से बढ़ाकर अब बीस हजार रुपए कर दी है. मतलब अब शिशु ऊंट के जन्म पर उसके एक वर्ष का होने तक पशुपालन विभाग द्वारा ऊंट पशु पालकों को 20 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी.
प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति हुई जारीगत बजट घोषणा में ऊंट पालन को प्रोत्साहन देने के लिए पिछले कई सालों से दी जा रही प्रोत्साहन राशि 10 हजार को बढ़ाकर 20 हजार करने की घोषणा की गई थी. बजट घोषणा के अनुरूप भी इसकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है. ऊंट पशुपालक जोधा राम ने बताया पहले ऊंट के पालन के लिए दस हजार की राशि मिलती थी जो बच्चे के जन्म के दूसरे महीने में पूरी हो जाती है. पशुपालक ने बताया कि जब तक ऊंट का बच्चा बड़ा नहीं होता तब तक कृषि या अन्य कामों में उसे उपयोग में नहीं लिया जा सकता. ऐसे में शुरुआती समय में पशुपालकों को ऊंट के बच्चे के पालन पोषण के लिए हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं. अब ऊंट पालन प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी होने से पशुपालकों को राहत मिलेगी.
लगातार घट रही ऊंट की संख्यागौरतलब है कि ऊंट को रेगिस्तान का जहाज कहा जाता है. भारत में सर्वाधिक ऊंट राजस्थान में ही पाए जाते हैं. लेकिन अब इनकी संख्या धीरे-धीरे घटती जा रही है. 2012 की पशु गणना में राजस्थान में 3 लाख 25 हजार 713 ऊंट थे, वहीं 20वीं पशु गणना में ऊंटों की संख्या घटकर 2 लाख 12 हजार 739 रह गई. ऐसे में में ऊंटों की संख्या एक लाख 12 हजार 974 कम हो गई. हालांकि अभी तक 21वीं पशु गणना के आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं, लेकिन अनुमान के अनुसार इस बार भी ऊंटों की संख्या में गिरावट दर्ज होने की संभावना है.
ऊंटों की प्रजातियांराजस्थान में कई नस्लों के ऊंट पाए जाते हैं. इनमें से मुख्य नाचना और गोमठ ऊंट हैं. नाचना नस्ल के ऊंट सवारी या तेज दौडने वाले होते हैं, जबकि गोमठ ऊंट कृषि संबंधी या भारवाहक के रूप में काम में लिया जाता है. इसके अलावा अलवरी, बाड़मेरी, बीकानेरी, कच्छी, सिंधु, मेवाड़ी और जैसलमेरी ऊंट की नस्लें भी राजस्थान में हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 17, 2024, 16:20 IST