खरपतवार, कीट, दीमक और सर्दी से फसल को बचाने के लिए इन टिप्स को अपनाए किसान, पॉली हाउस वाले किसान करें यह काम

नागौर. राजस्थान के ज्यादातर हिस्सों में अभी शीतलहर की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में किसानों के लिए ये ठंड मुसीबत बनी हुई है. राजमा, सरसों, चना, आलू, मटर, घनिया, बैंगन, टमाटर, मिर्च जैसी फसलों को पर इसका अधिक प्रभाव पड़ रहा है. किसान अपनी फसल को बचाने के लिए शाम के समय हल्की सिंचाई करें. ऐसा करने से फसलों को संभावित पाले से बचाया जा सकता है.
उन्नत किसान ये तरीका अपनाए इसके अलावा कम उम्र वाले फलदार पौधे एवं नर्सरी को बचाने के लिए उत्तर दिशा में सरकन्डे की टाटी या पॉलीथिन शीट लगाएं. इसके अलावा उन्नत किसान पॉली हाउस में ऊपरी वेंट बंद करें. पॉली हाउस के दोपहर में साइड के पर्दे 1-2 घंटे के लिए खोल दे और फसल को शीतलहर के प्रभाव से बचाने के लिए शाम के समय थियोरिया, तरल सल्फर आदि का छिड़काव करें.
खरपतवार, कीट व दीमक का नियंत्रण करें किसान गेहूं और जौ में चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए बौनी किस्मों में बुवाई के 30-35 दिन बाद और अन्य में बुवाई के 40-45 दिन बाद 2,4-डी एस्टर सॉल्ट 0.5 किग्रा या मेट्सल्फ्यूरॉन 4.0 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर प्रयोग करें. गेहूं और जौ की खड़ी फसल में दीमक नियंत्रण के लिए क्लोरपाइरीफोस 20% ईसी 4 लीटर प्रति 80-100 किलोग्राम मिट्टी में मिलाकर एक हेक्टेयर में समान रूप से फैलाएं और हल्की सिंचाई करें.
इसके अलावा सरसों की फसल में एफिड कीट की निरंतर निगरानी रखें. फसल में कीट का प्रकोप होने पर डायमेथोएट 30 ईसी 1.0 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें. सरसों की फसल कई जगह फफूंदजनित बीमारियों के चलते खराब हो रही है. इसके नियंत्रण के लिए कार्बेन्डाजिम 50% डब्ल्यूपी या थायोफिनेट मिथाइल 70% डब्ल्यूपी दवा को 2 ग्राम एक लीटर पानी के हिसाब से मिलाकर ढंग से स्प्रे करें.
जीरे की फसल में झुलसा एवं झुलस रोग के नियंत्रण के लिए डिफेनोकोनाज्जोल 25% ईसी 0.5 मिली प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें. हवा में अधिक नमी के कारण आलू तथा टमाटर में झूलसा रोग आने की संभावना है. अतः फसल की नियमित रूप से निगरानी करें. लक्ष्ण दिखाई देने पर डाईथेन एम-45 2.0 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करें. गोभीवर्गीय सब्जियों में पत्ती खाने वाले कीटों की निरंतर निगरानी करते रहें. यदि संख्या अधिक हो तो बीटी 1.0 ग्राम प्रति लीटर पानी या स्पेनोसेड दवा 1.0 एम.एल./3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
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FIRST PUBLISHED : December 24, 2024, 15:47 IST