लेडी सिंगर से मिला आइडिया, फिल्म में ली 30 साल पुरानी ट्यून, कल्ट क्लासिक निकली मूवी, तड़प उठे जवां दिल- zeenat aman Satyam Shivam Sundaram 1978 initially inspired by Lata Mangeshkar life considered cult classic still loved by Zen G Raj kapoor movies

Last Updated:December 02, 2025, 14:58 IST
Bollywood Cult Classic Film : डायरेक्टर के मन में फिल्म बनाने का आइडिया कहीं से भी आ सकता है. 30 साल पुरानी फिल्म से प्रेरणा लेकर राज कपूर ने एक ऐसी फिल्म बनाई जो हिंदी सिनेमा की क्लासिक मूवी मानी जाती है. इस मूवी को बनाने की प्रेरणा में बहुत बड़ा हाथ एक फीमेल सिंगर का भी रहा. जब-जब राज कपूर उन्हें देखते थे, मन में एक ऐसी फिल्म बनाने का ख्याल आता था जो प्यार-विश्वास का बहुत ही शानदार मैसेज देती हो. उन्होंने अपने सपने को पूरा किया. शुरुआत में मशहूर सिंगर से फिल्म में काम करने का भी अनुरोध किया लेकिन उन्होंने बात नहीं बनी. यह फिल्म हिंदी सिनेमा के इतिहास के लिए मील का पत्थर साबित हुई. मूवी ने इतिहास रच दिया. आज इसकी गिनती कल्ट क्लासिक मूवी में होती है.
<br />37 साल पहले सिनेमाघरों में एक ऐसी मूवी आई थी जिसने इतिहास रच दिया. आज इस फिल्म की गिनती कल्ट क्लासिक मूवी में होती है. फिल्म का नाम था : सत्यम शिवम सुंदरम. राज कपूर ने इस फिल्म का निर्देशन और प्रोडक्शन किया था. 24 मार्च 1978 को रिलीज हुई थी जिसमें शशि कपूर और जीनत अमान लीड रोल में थे. फिल्म का म्यूजिक बहुत ही शानदार था. आज भी उतना ही कर्णप्रिय है. लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की धुन में सजे गाने आज भी हमें शादी-फंक्शन में सुनाई दे जाते हैं.

रितु नंदा ने अपनी किताब ‘राज कपूर स्पीक्स’ में बताया है कि राज कपूर को इस फिल्म को बनाने की प्रेरण लता मंगेशकर से मिली थी. उन्होंने कहा था कि ईश्वर स्त्री को सुरीली आवाज और सुंदर रूप एकसाथ नहीं देता. फिल्म का मूल भाव यही है कि प्यार-विश्वास रिश्ते को पवित्र बनाते हैं. तन की सुंदरता केवल ऊपरी दशा है. फिल्म की शुरुआत में ही एक सीन में कहानी के आधार को समझाया गया है. इसके अलावा, 1948 में राज कपूर ने आग फिल्म बनाई थी. इस फिल्म से ही सत्यम शिवम सुंदरम फिल्म का बेसिक आइडिया लिया गया था. आग फिल्म के एक अलग ही पक्ष को इसमें दिखाया गया.

सत्यम-शिवम-सुंदरम फिल्म के नैरेशन में राज कपूर एक पत्थर के लिए कहते हैं, ‘अगर मैं आपसे पूंछूं कि ये क्या है तो आप क्या कहेंगे पत्थर, जब आप उस पर पुष्प चढ़ाते हैं तो उसे भगवान मान लेते हैं. आपकी श्रद्धा, विश्वास और प्यार उसे भगवान बनाता है जो सत्य है, शिव है और सुंदर है.
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राज कपूर शुरुआत में लता मंगेशकर को फिल्म में कास्ट भी करना चाहते थे लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था. लता मंगेशकर का कहना था कि वो सिर्फ अपनी आवाज देना चाहती हैं, एक्टिंग नहीं करना चाहतीं. यह फिल्म हेमा मालिनी, डिंपल कपाड़िया और विद्या सिन्हा ने करने से इनकार कर दिया था. जीनत अमान से राज कपूर ने फिल्म की स्टोरी की चर्चा की थी और रूपा के बारे में बताया था. एक दिन जीनत अमान ने टिश्यू पेपर की मदद से उसी रूप में उनसे मिलने पहुंच गईं. जीनत को देखकर राज कपूर ने अपनी पत्नी कृष्णा को बुलाया और कहा कि रूपा मिल गई है. कृष्णा ने साइनिंग अमाउंट के तौर पर सोने के सिक्के दिए.

राज कपूर ने यह फिल्म अपने दोस्त सिंगर मुकेश को समर्पित की थी. फिल्म का एक गाना ‘चंचल-शीतल-निर्मल-कोमल’ मुकेश ने गाया था. इस सॉन्ग को रिकॉर्ड करने के बाद मुकेश का निधन हो गया था.

चेहरे और आवाज में फर्क को लेकर राज कपूर के बयान से लता मंगेशकर काफी दुखी हुई थीं. कहा जाता है कि इस फिल्म में लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर म्यूजिक देने वाले थे. राज कपूर ने उन्हें रिप्लेस करके लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल को फिल्म में ले लिया. ऐसे में लता ने फिल्म के गाना गाने से इनकार कर दिया. लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने उन्हें किसी तरह मनाया.

1948 में एक फिल्म गोपीनाथ आई थी. इस फिल्म में एक गाना था : ‘आई गोरी राधिका’ जिसे मीना कपूर-नीनू मजूमदार ने गाया था. इसी धुन को राज कपूर ने अपनी फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ में इस्तेमाल किया. गाने के बोल थे : ‘यशोमत मइया से बोले नंदलाला…..’ फिल्म का हर गाना आज भी समां बांध देता है.

लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल इस फिल्म के लिए बेस्ट फिल्मफेयर का अवॉर्ड मिला था. यह फिल्म विवादों में भी रही. जीनत अमान को अंग प्रदर्शन के लिए आलोचना का भी सामना करना पड़ा. देवानंद से लेकर विद्या सिन्हा ने राज कपूर की आलोचना की थी. फिल्म में महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया था. फिल्म की कहानी जैनेंद्र जैन ने लिखी थी. गीत नरेंद्र शर्मा, आनंद बख्शी और विट्ठलभाई पटेल ने लिखे थे.

सत्यम शिवम सुंदरम फिल्म की शुरुआत जितनी शानदार है, फर्स्ट हाफ के बाद फिल्म की पकड़ कमजोर होती जाती है. ऋषि कपूर ने अपने पिता से खुले तौर पर कहा था कि मैं यह मान ही नहीं सकता कि कोई इंसान अपनी औरत को पहचान ना सके. यही बात दर्शक भी नहीं पचा पाए. राज कपूर ने फिल्म को बहुत ही शानदार अंदाज में फिल्माया लेकिन कहानी का एक हिस्सा दर्शक नहीं पचा पाए. फिल्म का बजट करीब दो करोड़ रुपये था. फिल्म ने 2.25 करोड़ की कमाई की थी. यह बॉक्स ऑफिस पर औसत रही. आज इस फिल्म की गिनती कल्ट क्लासिक फिल्मों में होती है.
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December 02, 2025, 14:09 IST
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लेडी सिंगर से मिला आइडिया, 3 एक्ट्रेस ने ठुकराया ऑफर, आज है Zen-G की पहली पसंद



