Rajasthan

Government has become strict on negligence in saving electricity | बिजली बचत में लापरवाही पर सख्त हुई सरकार…इस तरह होगा एक्शन

Energy Efficiency

जयपुर

Updated: March 03, 2022 07:55:09 pm

जयपुर। ऊर्जा दक्षता को लेकर राज्य सरकार ने सक्रियता बढ़ा दी है। इसमें शामिल कंपनियों की ओर से ऊर्जा दक्षता मापदण्डों की पालना में लापरवाही बरतने और निर्धारित समय में एनर्जी आॅडिट रिपोर्ट नहीं सौंपने पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। अक्षय ऊर्जा निगम ने इस मामले में उदयपुर की लीला होटल को नोटिस जारी किया है। होटल प्रबंधन ने तय समय सीमा में नहीं बताया है कि उन्होंने ऊर्जा दक्षता के तहत कितना काम किया है। इसके लिए अब 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल ने बताया कि 2019-20 से 2021-22 के तहत प्रदेश की छह कंपनियां सहित अब तक 86 संस्थान इस श्रेणी में शामिल हैं। इन्हें निर्धारित ऊर्जा दक्षता के लिए काम करना अनिवार्य है। अग्रवाल ने बुधवार को अक्षय ऊर्जा निगम की समीक्षा बैठक ली।

पेनल्टी लगाने का प्रावधान
-ऊर्जा मंत्रालय ने 10 तरह की विभिन्न श्रेणी में ऊर्जा संरक्षण के लक्ष्य का निर्धारण किया है। इसी के तहत ऊर्जा बचत की पालना की सख्त हिदायत दी गई।
-राज्य में इस श्रेणी में अब तक 86 बड़े विद्युत उपभोक्ता शामिल हैं। इन्हें हर साल केन्द्र सरकार के ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी को निर्धारित प्रपत्र में आॅडिट रिटर्न देनी होनी है। पालना नहीं होने पर पेनल्टी लगाने का प्रावधान है।

बिजली बचत में लापरवाही पर सख्त हुई सरकार...इस तरह होगा एक्शन

बिजली बचत में लापरवाही पर सख्त हुई सरकार…इस तरह होगा एक्शन

ऊर्जा दक्षता में ये शामिल
सीमेंट, टैक्सटाइल, थर्मल पॉवर प्लांट, रेलवे, होटल, डिस्कॉम्स, रिफाइनरी, फर्टिलाइजर एवं केमिकल्स, व्यावसायिक भवन, बड़े होटल, लोहा व इस्पात उद्योग शामिल हैं। मौजूदा तीन साल में ये शामिल
उदयपुर लीला होटल, उदयपुर सीमेंट, लार्डर्स क्लोरो अल्कली लिमिटेड अलवर, बीएस लिग्नाइट पॉवर गुरहा बीकानेर, जयपुर की आईटीसी राजपुताना होटल और उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर।

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