Religion

If the date of death is not known then when to do Shradh

जिन्हें अपने किसी परिजन की मृत्यु तिथि मालूम नहीं है वे भी उनके निमित्त श्राद्ध तथा तर्पण आदि कर सकते हैं।

उज्जैन. श्राद्ध पक्ष प्रारंभ होने के साथ ही पितरों के निमित्त श्राद्ध और तर्पण की प्रक्रिया भी शुरु हो चुकी है. खास बात यह है कि इस बार श्राद्ध पक्ष 16 दिन की बजाए 17 दिन का रहेगा. 20 सितंबर को पूर्णिमा के दिन से श्राद्ध शुरू हुए हैं जोकि 6 अक्टूबर को सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या तक रहेंगे। इस तरह पितरों का ऋण चुकाने के लिए इस बार हमारे पास ज्यादा अवसर है. इसके लिए 16 दिन के स्थान पर हमें सत्रह दिन मिले हैं।

इस बार श्राद्ध कर्म का यह पक्ष सर्वार्थ सिद्धि योग में प्रारंभ हुआ है. सर्वार्थ सिद्धि योग और श्राद्ध पक्ष प्रारंभ होने का ऐसा संयोग 100 साल में आया है. इसी तरह श्राद्ध पक्ष का समापन भी अहम ज्योतिषीय योग गजछाया योग के साए में होगा। 17 दिन का श्राद्ध पक्ष होने के साथ ही एक तथ्य यह भी है कि इस साल 26 सितंबर के दिन श्राद्ध कर्म यानि तर्पण, श्राद्ध आदि नहीं होगा। श्राद्ध कर्म व्यापिनी तिथि में दोपहर में किए जाते हैं और इस दिन षष्ठी तिथि पूर्ण मध्यान्ह काल व्याप्त है।

pind_daan.jpg

आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 26 सितंबर को मध्यान्ह 1:05 बजे से प्रारंभ होकर 27 सितंबर को अपरान्ह 3:44 तक रहेगी। इस तरह 26 सितंबर को अपराह्न काल 1:28 बजे से 3:51 बजे तक रहेगा। इस दिन तिथि षष्ठी का मान 60 घड़ी से ज्यादा होने के साथ अपराह्न काल की पूर्ण व्याप्ति की वजह से 26 सितंबर को किसी भी तिथि का श्राद्ध नहीं होगा। इस षष्ठी तिथि का श्राद्ध अगले दिन 27 सितंबर को किया जाना श्रेष्ठ रहेगा।

वायु पुराण के मुताबिक इस पक्ष में पितरों के निमित्त दिए जानेवाले भोज्य पदार्थ अमृत रूप में पितृ को प्राप्त होते हैं। शास्त्रीय मत के अनुसार श्राद्ध का श्रेष्ठ समय अपराह्न काल ही माना गया है। इस समय हमारे पितृ घर के द्वार पर आते हैं। इस बार 6 अक्टूबर यानि बुधवार के दिन श्राद्ध पक्ष का समापन होगा। मातामह श्राद्ध यानि नाना—नानी आदि का श्राद्ध इस वर्ष का 7 अक्टूबर को गुरुवार के दिन कर सकते हैं. यह आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि होगी। जिन्हें अपने किसी परिजन की मृत्यु तिथि मालूम नहीं है वे उनके निमित्त अमावस्या को श्राद्ध तथा तर्पण आदि कर सकते हैं।

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj