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Govinda News: एक्‍टर नहीं बनते, तो कहां नौकरी करते राजा बाबू? बीकॉम के बाद बेटे को क्‍या बनाना चाहती थीं मां?

Govinda News, Govinda firing case, Govinda Education: बॉलीवुड एक्टर गोविंदा को पैर में गोली लग गई है, हालांकि अब उनकी हालत स्थिर है और वह खतरे से बाहर हैं. बताया जा रहा है कि यह गोली उनके लाइसेंसी रिवॉल्वर से चली थी. इस घटना के बाद गोविंदा काफी चर्चा में हैं. लोग गोविंदा के बारे में जानना चाहते हैं, तो आइए हम आपको बताते हैं कि अगर गोविंदा अभिनेता नहीं बने होते, तो कहां नौकरी कर रहे होते? कौन चाहता था कि वह फिल्मों में न जाएं, बल्कि कोई और जॉब कर लें?

फिल्म अभिनेता गोविंदा की कहानी भी उतनी ही मजेदार है, जितनी कि वह फिल्मी पर्दे पर दिखते हैं. 21 दिसंबर 1963 को मुंबई के विरार में जन्मे गोविंदा के पिता अरुण कुमार आहूजा भी एक फिल्मी कलाकार थे. गोविंदा के पिता अरुण आहूजा का जन्म गुजरांवाला (अब पाकिस्तान) में हुआ था, जो अंग्रेजी शासन का हिस्सा था. अरुण वहां से मुंबई आए और वर्ष 1940 में उन्होंने फिल्म औरत से अपने करियर की शुरुआत की थी. बाद में, उन्होंने एक फिल्म भी प्रोड्यूस की, जो काफी घाटे में चली गई, जिसके बाद उन्हें कार्टर रोड का अपना बंगला बेचकर विरार में शिफ्ट होना पड़ा.

पिता ने गोद में लेने से कर दिया इनकारगोविंदा ने एक इंटरव्‍यू में एक राज की बात बताई थी. उन्‍होंने बताया था कि जब वह पैदा होने वाले थे, तभी से उनकी मां एक साध्‍वी का जीवन बिताने लगी थीं. वह घर पर बिल्‍कुल साध्‍वी की तरह रहती थीं. कुछ महीनों बाद जब मेरा जन्‍म हुआ, तो मेरे पिताजी ने मुझे गोद में लेने इनकार कर दिया था. उनका मानना था कि मेरे कारण ही मां साध्‍वी बन गईं हैं, हालांकि कुछ समय बाद जब लोगों ने उनसे कहा कि कितना सुंदर बच्‍चा है, तो वह भी मान गए और मुझे प्‍यार करने लगे.

6 भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं गोविंदा गोविंदा 6 भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उनका पूरा नाम गोविंद अरुण आहूजा है. गोविंदा की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई विरार में ही हुई. उन्होंने अन्नासाहेब वर्तक विद्या मंदिर स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की और फिर अन्नासाहेब वर्तक कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. उन्होंने बीकॉम तक की पढ़ाई की है.

पढ़ाई के बाद ढूढ रहे थे नौकरी बीकॉम का कोर्स पूरा होने के बाद गोविंदा नौकरी करना चाहते थे, लेकिन उनके पिता ने उन्हें फिल्मों में किस्मत आजमाने की सलाह दी, जिसके बाद उनका इरादा बदल गया. उन्होंने पढ़ाई और नौकरी की राह छोड़कर फिल्मी दुनिया की ओर कदम बढ़ाया. संघर्ष करते-करते, आखिरकार वह दिन आ गया जब उन्‍हें फ‍िल्‍मों में मौके मिले. इसके बाद गोविंदा ने जो रफ्तार पकड़ी, उसमें एक के बाद एक कुली नंबर 1, राजा बाबू, हीरो नंबर 1, जैसी हिट फिल्में दीं.

मां नहीं चाहती थीं कि गोविंदा फिल्मों में जाएंएक ओर जहां गोविंदा के पिता ने उन्हें फिल्मों में करियर बनाने की सलाह दी, वहीं उनकी मां चाहती थीं कि गोविंदा नौकरी करें. गोविंदा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी मां कभी नहीं चाहती थीं कि वे एक्टर बनें. गोविंदा के मुताबिक, उनकी मां चाहती थीं कि वह बैंक में नौकरी करें. वहीं, उनके पिता ने एक दिन गोविंदा को समझाया कि “तुम अच्छे दिखते हो और एक्टिंग कर सकते हो, तुम्हें फिल्मों में जाना चाहिए, नौकरी क्यों ढूंढ रहे हो?” गोविंदा ने बताया कि कुछ समय तक वह मां को बताए बिना ही राजश्री प्रोडक्शन के चक्कर लगाते रहे, इस आस में कि शायद कभी कोई काम मिल जाए.

मां की परमिशन के बाद फिल्मों में ली एंट्रीगोविंदा बताते हैं कि एक दिन उन्होंने अपनी मां से रिक्वेस्ट की कि वह उन्हें फिल्मों में जाने की इजाजत दें, जिस पर उनकी मां ने उन्हें परमिशन तो दे दी, लेकिन साथ ही शराब और सिगरेट को हाथ न लगाने की हिदायत भी दी. गोविंदा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने 21 साल की उम्र में पहली फिल्म वर्ष 1988 में की थी, जिसका नाम था हत्या, जिसे उनके भाई कीर्ति आहूजा ने डायरेक्ट किया था. गोविंदा ने यह भी कहा कि एक बार 50 दिनों के अंदर उन्होंने 49 फिल्में साइन की थीं.

Tags: Bollywood actors, Bollywood celebrities, Bollywood news, Education, Education news, Govinda

FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 14:12 IST

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