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Govindachamy Jail Break: एक हाथ से विक्लांग, जेल कि 25 फीट दीवार आखिर फांदा कैसे? पुलिस से बचने के लिए कुएं में छिपा

Agency:एजेंसियां

Last Updated:July 26, 2025, 12:33 IST

Govindachamy Jail Break: कन्नूर की हाई सिक्योरिटी जेल से उम्रकैद की सजा काट रहा रेप-मर्डर का दोषी गोविंदाचामी फिल्मी अंदाज में फरार हो गया, लेकिन कुछ घंटों में ही पुलिस ने उसे एक कुएं से ढूंढ निकाला.एक हाथ से विक्लांग गोविंदाचामी, जेल कि 25ft दीवार आखिर फांदा कैसे? कुएं में...पुलिस ने कैदी को कुएं के अंदर से निकाला.

हाइलाइट्स

गोविंदाचामी ने कपड़ों से रस्सी बनाकर जेल की दीवार फांदी.विनोज नामक व्यक्ति ने उसे पहचानकर पुलिस को तुरंत जानकारी दी.पुलिस ने सीसीटीवी और डॉग स्क्वॉड से कुएं से पकड़ लिया.

कन्नूर, केरल: शुक्रवार की सुबह जब लोग अपने-अपने काम में व्यस्त थे, तब एक चौंकाने वाली खबर आई जिसने पूरे शहर में हड़कंप मचा दिया. एक उम्रकैद की सजा काट रहा अपराधी, जो पहले भी एक बेहद जघन्य अपराध के लिए दोषी ठहराया जा चुका है, केरल की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जेल से फरार हो गया. लेकिन हैरानी की बात ये रही कि कुछ ही घंटों में उसे फिर से पकड़ भी लिया गया.

सुबह की चेकिंग में खुला राजये घटना कन्नूर सेंट्रल जेल की है, जहां गोविंदाचामी उर्फ चार्ली थॉमस नाम का कैदी बंद था. ये वही गोविंदाचामी है, जिसे साल 2011 में एक 23 साल की लड़की के साथ रेप और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा मिली थी. शुक्रवार की सुबह करीब 4:15 बजे से 6:30 बजे के बीच जेल प्रशासन की रूटीन चेकिंग के दौरान पता चला कि वह अपने सेल में नहीं है.

हालांकि सबसे पहले इस भागने का सुराग जेल के बाहर से मिला. कुछ जेल ट्रेनी अफसर जब सुबह बाहर ट्रेनिंग पर निकले, तो उन्होंने देखा कि जेल की ऊंची दीवार पर कुछ कपड़े टंगे हुए हैं. यह दीवार हाईवे की तरफ खुलती है. जब अधिकारियों ने जाकर देखा, तो समझ आया कि कुछ गड़बड़ है और तभी फरारी का पूरा मामला सामने आया.

लोहे की रॉड काटकर और कपड़ों से रस्सी बनाकर भागाजेल से भागने की कहानी किसी फिल्म की तरह लगती है. पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि गोविंदाचामी ने पहले अपने बैरक की लोहे की रॉड को एक बार कटर से काटा. फिर उसने अपने कपड़े और बिस्तर की चादरों को फाड़कर एक लंबी रस्सी बनाई. इसी रस्सी की मदद से वह जेल की छह मीटर ऊंची दीवार पर चढ़ा और बाहर निकल गया.

इस दीवार के ऊपर एक इलेक्ट्रिक फेंस (बिजली वाला तार) भी लगा होता है, जिससे भागना आसान नहीं होता. लेकिन पुलिस को शक है कि जिस वक्त वह भागा, उस वक्त ये इलेक्ट्रिक फेंस काम नहीं कर रहा था. यही वजह है कि वह इतनी आसानी से दीवार पार कर गया.

जेल प्रशासन हैरान, तीन अफसर सस्पेंडसबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जेल में इतनी सुरक्षा के बावजूद कोई कैदी अकेले ही दीवार फांदकर बाहर निकल गया और किसी को खबर तक नहीं हुई. इस लापरवाही की जिम्मेदारी तय करने के लिए जांच की गई और शुरुआती रिपोर्ट में तीन जेल कर्मचारियों को दोषी पाया गया. इसके बाद उन्हें तुरंत सस्पेंड कर दिया गया.

एक बाइक सवार की नजर से पकड़ा गया सुरागजेल से फरार होने के बाद गोविंदाचामी ज्यादा दूर नहीं जा सका. थालाप नाम के इलाके में एक स्थानीय युवक विनोज उसे पहचान गया. विनोज ने बताया कि वह सुबह बाइक से जा रहा था, तभी सड़क के किनारे एक आदमी को बहुत धीरे-धीरे चलते देखा. वो किसी भिखारी जैसा लग रहा था और उसकी हालत भी अजीब थी. विनोज को पहले से ही खबर मिल चुकी थी कि जेल से एक खतरनाक कैदी फरार हो गया है.

जब उसने शक के आधार पर उसे “गोविंदाचामी” कहकर पुकारा, तो वो अचानक घबरा गया और भागकर पास की एक अधूरी इमारत की दीवार कूद गया. तभी विनोज ने पुलिस को जानकारी दी.

सीसीटीवी और डॉग स्क्वॉड से चला सुरागविनोज की सूचना पर पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और शक की पुष्टि हो गई. इसके बाद एक बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ. पुलिस, डॉग स्क्वॉड और आसपास के लोग मिलकर उसकी तलाश में जुट गए. थोड़ी देर बाद राष्ट्रीय सैंपल सर्वे ऑफिस के एक कर्मचारी एम. उन्नीकृष्णन ने ऑफिस परिसर के एक पुराने कुएं में किसी को छिपे देखा.

जब पुलिस वहां पहुंची, तो देखा कि वही फरार कैदी, गोविंदाचामी, उस कुएं में छिपा बैठा था. उसे तुरंत पकड़ लिया गया और थाने लाया गया.

मेडिकल के बाद दोबारा जेल भेजा गयागिरफ्तार करने के बाद गोविंदाचामी को कन्नूर टाउन पुलिस स्टेशन ले जाया गया. वहां उसका मेडिकल टेस्ट हुआ और फिर सबूतों की जांच के लिए दोबारा कन्नूर सेंट्रल जेल लाया गया. बाद में उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. अब उसे त्रिशूर जिले की विय्यूर हाई-सिक्योरिटी जेल में शिफ्ट करने की तैयारी हो रही है.

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