8 पड़पोते और 22 पड़पोतियों की दादी ने हंसी खुशी कहा दुनिया को अलविदा, 106 साल की उम्र तक भी बनाती थी खाना
उदयपुर. उदयपुर जिले के मावली की 108 साल की बुजुर्ग महिला झमकू बाई का निधन हो गया है. झमकू बाई ने परिवार की चार पीढ़ियों के साथ जीवन यापन कर इस हंसते हुए इस दुनिया को अलविदा कहा. झमकू बाई ने शुक्रवार को अंतिम सांस ली. उसके कुल 8 पड़पौत्र और 22 पड़पौत्रियां हैं. परिवार में सदस्यों की संख्या 50 है. झमकू देवी के कोई बीमारी नहीं थी. वे 106 साल की उम्र तक भी खाना बनाती थी. उन्होंने कोरोना काल में एक भी वेक्सीन नहीं लगवाई थी.
जानकारी के अनुसार मावली कस्बे के गाडियावास गांव की रहने वाली झमकू बाई स्वर्गीय मंगनीराम पंचोली की धर्मपत्नी थीं. मंगनीराम पंचोली मावली रेलवे स्टेशन पर पॉइंट्स मैन के रूप में नौकरी करते थे. झमकू बाई संभवतया मावली क्षेत्र की सबसे बुजुर्ग महिला थी. 108 साल की उम्र में देवलोक जाने वाली झमकू बाई अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़कर गई हैं. उन्होंने अपनी चार पीढ़ियों के साथ हंसी खुशी से जीवन यापन किया.
पूरा जीवन स्वस्थ बीता कर गई हैंझमकू बाई के बेटे यमुना शंकर पंचोली ने बताया कि उनके 3 बेटे, 5 बेटियां हैं. उनके 6 पोते, 1 पोती, 8 दोहिते और 7 नातिनें हैं. उनकी तीसरी और चौथी पीढ़ी में कुल 8 पड़पौत्र और 22 पड़पौत्रियां हैं. एक लंबा जीवन अपने परिवार के साथ बिताकर दुनिया को अलविदा कहने से परिजनों को दुख तो है लेकिन उन्हें इस बात का संतोष भी है कि वे पूरा जीवन स्वस्थ बीता कर गई हैं.
नियमित मंदिर जाकर पूजा पाठ किया करती थींझमकू देवी धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी. वे इस उम्र में भी नियमित मंदिर जाकर पूजा पाठ किया करती थीं. वे प्रतिदिन मंदिर जाने के अलावा और खेतों में भी काम करने जाया करती थी. नियमित तौर पर काम करते रहने से झमकू देवी के कोई बीमारी नहीं थी. वे कोरोना काल में भी पूरी तरह से स्वस्थ रही थीं. पिछले विधानसभा चुनाव में झमकू देवी ने होम वोटिंग की सुविधा का लाभ भी लिया था. झमकू देवी के निधन से उनके गांव में शोक की लहर छाई हुई है.
FIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 08:48 IST