कमर दर्द और थकान से जूझ रहे हैं? दादी-नानी का नुस्खा करेगा कमाल, जानें गोंद की पेंद बनाने की रेसिपी

Last Updated:December 22, 2025, 10:58 IST
Gondh ki Pand Recipe: राजस्थान में गोंद की पेंद सर्दियों में शरीर को अंदर से मजबूत रखने वाला पारंपरिक औषधीय मिश्रण है. इसमें गोंद, गुड़, ड्राई फ्रूट्स और मसाले शामिल होते हैं, जो ऊर्जा और खून बढ़ाने में सहायक होते हैं. नियमित सेवन से इम्यूनिटी मजबूत होती है, थकान कम होती है और जोड़ों व कमर में आराम मिलता है. इसे दूध के साथ रोज सुबह लेने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है. घर पर इसे बनाना आसान है और फ्रिज में 15-20 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है.
राजस्थान में गोंद की पेंद एक पारंपरिक और पौष्टिक औषधीय मिश्रण मानी जाती है, जिसे खासतौर पर सर्दियों में शरीर को अंदर से मजबूत बनाने के लिए तैयार किया जाता है. रोज सुबह एक चम्मच गोंद की पेंद दूध के साथ लेने से शरीर में गर्माहट बनी रहती है और कमजोरी दूर होती है. यह नुस्खा हमारी दादी-नानी के समय से आज़माया हुआ है, जो बदलते मौसम में शरीर को संतुलन देने का काम करता है.

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में इम्यूनिटी कमजोर होना, जोड़ों में दर्द, कमर दर्द और थकान जैसी समस्याएं आम हो गई है. ऐसे में गोंद की पेंद नेचुरल टॉनिक की तरह काम करती है. इसमें गोंद, गुड़, ड्राई फ्रूट्स और मसाले मौजूद होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा और ताकत देने के साथ खून बढ़ाने में भी सहायक होते हैं. नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, थकान कम होती है और जोड़ों व कमर में आराम मिलता है. यह प्राकृतिक उपाय स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित और प्रभावकारी है.

गृहिणी सरिता देवी ने बताया कि गोंद की पेंद बनाना बेहद ही आसान है. यह न केवल स्वाद में, बल्कि सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है. इसे बनाने के लिए आवश्यक सामग्री खाने योग्य गोंद, मिश्रित ड्राई फ्रूट्स, जिसमें मुख्य रूप से बादाम, काजू, अखरोट , देसी घी, दो कप क्रीम वाला दूध, आधा कप डेसिकेटेड नारियल, तीन कप गुड़, एक छोटा चम्मच पिप्पलीमूल पाउडर, एक चम्मच सोंठ पाउडर, आधा चम्मच इलायची पाउडर और आधा चम्मच जायफल पाउडर लेना है.
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सबसे पहले खाने योग्य गोंद को दरदरा पीस लें. इसी तरह सभी ड्राई फ्रूट्स को भी दरदरा पीसकर अलग रख दें. अब एक कढ़ाई में दो चम्मच देसी घी डालें और धीमी आंच पर गोंद को फ्राई करें. इसे लगातार चलाते रहें ताकि गोंद जलने न पाए. गोंद तब तक फ्राई करें जब तक वह फूलकर हल्का सुनहरा और कुरकुरा न हो जाए. उसके बाद गैस बंद कर दें और गोंद को ठंडा होने दें. यह कुरकुरे और फूले हुए गोंद का बेस है, जिसे पेंद बनाने में इस्तेमाल किया जाता है.

इसके बाद उसी कढ़ाई में दो कप क्रीम वाला दूध डालें और लगातार चलाते हुए पकाएं, जब तक गोंद पूरी तरह दूध में घुल न जाए. अब इसमें डेसिकेटेड नारियल, पिसे हुए ड्राई फ्रूट्स, गुड़, पिप्पलीमूल पाउडर, सोंठ, इलायची और जायफल पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएं. मिश्रण को तब तक पकाएं जब तक वह कढ़ाई छोड़ने न लगे. गैस बंद कर दें और ठंडा होने पर किसी एयरटाइट डिब्बे में भरकर फ्रिज में रखें. इसकी सबसे बड़ी खासयित यह है कि 15-20 दिन तक सुरक्षित रख सकते हैं.

गोंद की पेंद शरीर में खून बढ़ाने, इम्यूनिटी बूस्ट करने और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है. नियमित सेवन से कमर दर्द, जोड़ों के दर्द और कमजोरी में राहत मिलती है. यह प्रसव के बाद महिलाओं, बुजुर्गों और शारीरिक मेहनत करने वालों के लिए विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है. रोज सुबह एक चम्मच गोंद की पेंद गुनगुने दूध के साथ लेने से शरीर को अंदर से ऊर्जा और मजबूती मिलती है.
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December 22, 2025, 10:58 IST
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कमर दर्द और थकान से जूझ रहे हैं? गोंद की पेंद दिलाएगा राहत, नोट करें रेसिपी



