Rajasthan

राजस्‍थान से आई बड़ी खुशखबरी, एआई से पैदा हुआ दुर्लभ पक्षी का बच्‍चा, भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश

जैसलमेर. सरहदी जिले जैसलमेर के सुदासरी गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन (एआई) या कृत्रिम गर्भाधान से गोडावण के बच्चा पैदा हुआ. दावा किया जा रहा है कि ऐसा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश है अब इस प्रक्रिया से लुप्त होने जा रही इस दुर्लभ प्रजाति को बचाया जा सकेगा. DFO आशीष व्यास ने बताया कि इस तरह का ये पहला मामला है, जब गोडावण को कृत्रिम गर्भाधान की मदद से प्रजनन करवाकर पैदा किया गया है. इस तरह से अब गोडावण के स्पर्म को सेव कर बैंक बनाने और उसकी जनसंख्या बढ़ाने में मदद मिल सकेगी.

DFO आशीष व्यास ने बताया कि इंटरनेशनल फंड फॉर हुबारा कंजर्वेशन फाउंडेशन अबू धाबी (IFHC) में तिलोर पक्षी पर इस तरह का परीक्षण किया गया और वो सफल रहा. भारत के वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) के वैज्ञानिक भी पिछले साल वहां गए और इस तकनीक को सीखा. इसके बाद गोडावण पर इस तरह के परीक्षण के प्रयास शुरू किए. रामदेवरा गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में स्थित सुदा नामक मेल गोडावण को कृत्रिम मेटिंग के लिए ट्रेनिंग दी. उसके स्पर्म इकट्ठे किए गए. स्पर्म को सुदासरी स्थित ब्रीडिंग सेंटर ले जाया गया. 20 सितंबर को टोनी नामक मादा गोडावण को कृत्रिम गर्भाधान करवाया गया.

ये भी पढ़ें: बैंक ने महिला को फोन करके बुलाया, दौड़ी-दौड़ी पहुंची वहां, नजारा देखकर फटी रह गई आंखें

वैज्ञानिकों ने की कड़ी मेहनत, आर्टिफिशियल इंशेमिनेशन से हुआ चमत्‍कारटोनी ने 24 सितंबर को अंडा दिया अंडे की देखभाल की गई. आखिरकार वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत का नतीजा ये निकला कि 16 अक्टूबर को अंडे से गोडावण का चूजा बाहर आया. इस चूजे की देखभाल की गई. करीब एक हफ्ते तक चूजे को ऑब्जर्वेशन में रखा गया और उसके सभी मेडिकल टेस्ट किए गए. अब चूजा स्वस्थ है. DFO आशीष व्यास ने बताया कि इस पद्धति को आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन (एआई) कहा जाता है. ये गोडावण पर किया गया पहला परीक्षण है. इस पद्धति में मेल गोडावण के सामने एक आर्टिफिशियल फीमेल बनाकर रखी जाती है. फिर उसे मेटिंग के लिए ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वो स्पर्म दे सके, वो भी बिना मेटिंग के. इस तरह मेल को ट्रेनिंग देने में करीब 8 महीने लगे. अब चूजा बड़ा होने के बाद इसका नामकरण भी एआई के नाम से करने की प्लानिंग है.

ये भी पढ़ें: प्रेमिका तो करती थी जिद, उसका पति बीच में आ रहा था, प्रेमी ने बुला लिए 3 शूटर, फिर मामला पलट गया

डेजर्ट नेशनल पार्क गोडावण का सबसे संरक्षित इलाकाDFO व्यास ने बताया कि जैसलमेर में गोडावण की संख्या 173 है. जिसमें से 128 गोडावण तो फील्ड में घूम रहे हैं. वहीं 45 गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में है. जैसलमेर का डेजर्ट नेशनल पार्क गोडावण का सबसे संरक्षित इलाका माना जाता है. यहां पर 70 के करीब क्लोजर है, जिसके कारण यहां पर गोडावण के प्रजनन की अनुकूल स्थितियां बनी हुई हैं. पार्क में बनाए गए हैचरी सेंटर में अंडों को वैज्ञानिक तरीके से सेज कर उनसे चूजे निकलवाए जा रहे हैं.

Tags: Animal Farming, Animal Welfare, Bird Expert, Jaisalmer news, Rajasthan news, Rajasthan News Update, Rare Bird, Wildlife department

FIRST PUBLISHED : October 22, 2024, 20:15 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj