ग्राउंड रिपोर्ट: भूख-प्यास छोड़ घंटों इंतजार, फिर भी यूरिया के मिल रहे दो ही कट्टे, किसान बोले- ये कैसा सिस्टम?

दौसा. राजस्थान के दौसा में क्रय-विक्रय सहकारी समिति सिकराय में सुबह यूरिया खाद के वितरण के दौरान भारी अव्यवस्था देखने को मिली. खाद उपलब्ध होने की सूचना मिलते ही किसान सुबह 7 बजे से ही समिति परिसर में पहुंच गए थे, लेकिन कई घंटे तक लाइन में लगे रहने के बावजूद किसानों को खाद मिल पाई. लाइन में मौजूद किसानों ने आरोप लगाया कि लगातार घंटेभर खड़े रहने के बाद भी उन्हें सिर्फ धक्का-मुक्की और अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है.
किसानों का कहना है कि बाजार में कुछ दुकानदार महंगे दामों पर खाद बेच रहे हैं और उसके साथ अनिवार्य रूप से अन्य दवाइयां भी देने की बात कह रहे हैं, जिससे किसानों की परेशानी और बढ़ गई है. वहीं क्रय-विक्रय समिति में स्थिति एक समय इतनी बिगड़ गई कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मानपुर थाना पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा. पुलिस की मौजूदगी में ही दोबारा लाइनें बनवाई गई और प्रति किसान दो कट्टे खाद देने की व्यवस्था लागू की गई.
खाद के लिए लगातार उच्च अधिकारियाें के संपर्क में हैं
कई किलोमीटर दूर से आए किसानों ने बताया कि वे सुबह-सुबह खेत और घर का काम छोड़कर खाद लेने पहुंचे हैं, लेकिन अव्यवस्था की वजह से उन्हें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है. कतार में लगी महिलाओं ने भी बताया कि उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ रहा है, बावजूद इसके खाद मिलने की कोई गारंटी नहीं है. दौसा स्थित सिकराय के सहायक कृषि अधिकारी अशोक मीणा ने बताया कि समिति में 900 कट्टे यूरिया उपलब्ध कराए गए हैं, उनका वितरण किया गया है.
लगातार उच्च अधिकारियों के संपर्क में है और जल्द ही और खाद की कट्टो की भी व्यवस्था किसने के लिए करवाई जा रही है. उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसानों तक खाद पहुंच सके इसलिए प्रति कृषक दो कट्टे ही वितरित किए जा रहे हैं. किसानों ने मांग की है कि खाद वितरण की व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया जाए, भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त कर्मचारी लगाए जाएं और बाजार में महंगे दामों पर खाद की बिक्री रोक लगाई जाए और दवाइयों की अनिवार्यता पर सख्त कार्रवाई की जाए.
महिलाओं को भी खाद लेने में करनी पड़ रही है मशक्कत
महिलाओं को लेकर माना जाता है कि उनके घर की जिम्मेदारी होती है और घर के कामकाज ही करती हैं, लेकिन गुरुवार को क्रय- विक्रय सहकारी समिति में दर्जनों की संख्या में महिला भी यूरिया खाद लेने के लिए पहुंची. पुरुषों के बराबर उन्हें भी खाद के कट्टे लेने के लिए मशक्कत करनी पड़ी. महिलाएं भी अपने कागज खुद तैयार करती हुई है दिखाई दी और कई महिलाएं तो नंबर आते ही तुरंत प्रभाव से खाद की कट्टों को अपने कब्जे में लेने के लिए खाद की कट्टों को उठा कर दूसरे स्थान पर रखना लगी. करोड़ी गांव के किसान महेश ने कहा बाजार में खाद ₹350 प्रति कट्टे के हिसाब से मिलता है जबकि क्रय विक्रय सहकारी समिति के पास 275 रुपए में खाद का कट्टा मिल रहा है, लेकिन कई घंटे लाइन में लगना पड़ता है. लाइन में लगने के बाद दो कट्टे किसान को यूरिया खाद उपलब्ध हो पा रहे हैं
सुबह लाइन में लगने के बाद भी नहीं मिल रहा खाद
किसान हंसराम मीणा ने बताया कि कई किलोमीटर दूर से आए हैं और दो कट्टे खाद लेने के लिए सुबह करीब 7 बजे लाइन में लगे हुए है. इसके बावजूद समय पर नहीं मिल रहा है. भूख-प्यास त्याग कर किसान खाद के लिए लाइन में लगे रहते हैं, इसे बावजूद खाद लेना टेढ़ी खीर खाबित हो रही है. बाजार में ऐसे स्थिति है कि एक तो खाद की कीमत 350 रूपए है और उसके साथ दवाई नहीं लिया तो खाद भी नहीं मिलेंगे. ऐसे हालात में किसान क्या करे.



