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Ground Report : क्या अब करौली की बारी…? 3 स्कूल खंडहर में तब्दील, हर रोज मंडराता है हादसे का खतरा!

Last Updated:July 26, 2025, 21:50 IST

Karauli News: वर्तमान में जिला मुख्यालय के तीन स्कूलों की स्थिति काफी चिंताजनक है. यह तीनों स्कूल पूरी तरह से खंडहर अवस्था में है. तीनों ही स्कूलों में बच्चों की जान का खतरा हमेशा बना रहता है. बच्चे तो बच्चे इन…और पढ़ें

हाइलाइट्स

करौली के तीन सरकारी स्कूल खंडहर अवस्था में हैं.बारिश में स्कूलों की छतों से पानी टपकता है.बच्चों और शिक्षकों की जान हमेशा खतरे में रहती है.करौली. राजस्थान के झालावाड़ जिले के सरकारी स्कूल में छत गिरने से हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है. इस हादसे में सात मासूम बच्चों की मौत ने सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति की गंभीरता को उजागर कर दिया है. लेकिन यह खतरा केवल झालावाड़ तक सीमित नहीं है. करौली जिला मुख्यालय के बीचोबीच स्थित तीन सरकारी स्कूल भी वर्षों से ऐसे ही हादसों की आशंका के साये में संचालित हो रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि ये तीनों स्कूल रियासतकालीन हवेलियों में चलते हैं और हर मानसून में इनकी दीवारें और छतें गिरने की स्थिति में आ जाती हैं. फिर भी आज तक जिम्मेदारों ने इनकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया.

लोकल 18 ने इन स्कूलों की जमीनी हकीकत जानने के लिए खुद दौरा किया और जो देखा, वह बेहद चिंताजनक था. तीनों स्कूल खंडहरनुमा हालत में हैं, जहां बच्चों और शिक्षकों की जान हर रोज खतरे में रहती है. बारिश के दौरान छतों से टपकते पानी और भीगी दीवारें इन स्कूलों की दुर्दशा बयां करती हैं.

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नंबर 8, तांबे की टोरी
यह स्कूल पूरी तरह से जर्जर अवस्था में है. हर कक्षा और दीवार क्षतिग्रस्त है. यह विद्यालय एक पुरानी हवेली में संचालित होता है, जो अब खंडहर बन चुकी है. आश्चर्य की बात यह है कि यह स्कूल जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) कार्यालय के बिल्कुल पास स्थित है, फिर भी अब तक इसे नजरअंदाज किया गया है. यहां कार्यरत एक नेत्रहीन शिक्षक ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि बारिश के दौरान पूरी बिल्डिंग गीली हो जाती है और छत से पानी टपकता है. उन्होंने बताया कि वर्षों से बिल्डिंग मरम्मत की मांग कर रही है, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने कभी ध्यान नहीं दिया.

राजकीय बापू उच्च प्राथमिक विद्यालय, फूटाकोट चौराहायह विद्यालय भी एक पुरानी खंडहर हवेली में चल रहा है. स्कूल की हर कक्षा जर्जर है और मानसून में छत से पानी टपकने के कारण पढ़ाई बाधित होती है. पिछले वर्ष इस विद्यालय का एक हिस्सा गिर चुका है. इस साल भी भवन की स्थिति बेहद खराब बनी हुई है. प्रधानाध्यापक रतन कुमार मीणा ने बताया कि बारिश के दिनों में पूरे भवन में पानी भर जाता है, जिससे बच्चों को इधर-उधर बैठना पड़ता है. वर्तमान में यहां कक्षा 1 से 8 तक 94 छात्र अध्ययनरत हैं, लेकिन पढ़ाई के लिए सुरक्षित वातावरण नहीं मिल पा रहा है.

राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नंबर 5, वजीरपुर गेटयह स्कूल जिला मुख्यालय पर स्थित तीनों स्कूलों में सबसे ज्यादा खतरनाक स्थिति में है. रियासतकालीन भवन में संचालित यह विद्यालय पूरी तरह जर्जर है. स्कूल का कोई भी हिस्सा बच्चों के बैठने लायक सुरक्षित नहीं बचा है. स्टाफ द्वारा कई बार लिखित में शिकायतें दी गईं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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Karauli,Rajasthan

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क्या अब करौली की बारी…? 3 स्कूल खंडहर में तब्दील, हर रोज मंडराता है खतरा!

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