Rajasthan

Ground Report: चमत्कारी है ये पहाड़ी पेड़, इसके पत्ते से रातोंरात मवेशियों का दूध होगा दोगुना, पत्तल बनाने में इस्तेमाल

दौसा. दौसा जिले में अनेकों ऐसे पेड़-पौधे पाए जाते हैं जिससे अलग-अलग प्रकार की जड़ी-बूटियों को तैयार किया जाता है. आज हम पहाड़ी क्षेत्र में पाए जाने वाले एक ऐसे पेड़ के बारे में बता रहे हैं जो यहां के  परिवारों की आजीविका का माध्यम है. इससे कई प्रकार की वस्तुओं का भी निर्माण किया जाता है. छीला का पेड़ पहाड़ी लोगों के लिए बहुत उपयोगी है.पत्तल, दोना और हवन में भी इस्तेमाल वनरक्षक राजकुमार शर्मा ने बताया कि छीला का पेड़ मुख्यतः पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है. इसका उपयोग मुख्यतः यहां के ग्रामीण अपनी आजीविका चलाने के लिए करते हैं. इस पेड़ के पत्तों से पत्तल, दोना बनाने का कार्य भी किया जाता है. इस पेड़ की लकड़ी को धार्मिक कार्यक्रमों में हवन के लिए भी उपयोग  किया जाता है. छीला से प्राप्त होने वाला गोंद स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है और इसका उपयोग भी खूब किया जाता है.

इसके पत्तों से बढ़ता है मवेशियों का दूधजानकारी के अनुसार दौसा जिले के वन क्षेत्र में पाई जाने वाली वनस्पति प्रजातियों में मुख्य प्रजाति छीला है. इसको ढाक या पलास के नाम से भी जाना जाता है. इस पेड़ के पत्ते, तना, फूल एवं गोंद का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है. यह पानी बहाव वाले क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र में नालों के आसपास पाई जाने वाली प्रमुख प्रजाति है. प्राचीन काल से ही छीले के पत्तों का उपयोग पत्तल और दोने बनाने में किया जाता है, राजस्थान में इसका प्रचलन काफी अधिक है. छीला के पत्तों का उपयोग मवेशियों के लिए भी किया जाता है, जिससे दूध की उत्पादकता में वृद्धि होती है. वहीं इसके फूलों को सुखाकर प्राकृतिक हर्बल गुलाब बनाया जाता है और इसे प्राप्त होने वाले गोंद मानव शरीर के लिए आयुर्वेदिक रूप से बहुत उपयोगी है.

दौसा जिले में इस क्षेत्र में अधिक होता है यह पेड़दौसा जिले में छीला प्रजाति प्रमुखत नांगल राजा वतन तहसील के खवारावजी सर्र सिकराय तहसील के राणोली एवं लालसोट तहसील के घाटा धौण आदि क्षेत्रों में पाया जाता है. स्थानीय रूप से लोगों द्वारा भी छीले का संरक्षण एवं संवर्धन किया जाता है. इस पेड़ के अनेक प्रयोग हैं जिसके चलते पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पशुओं के लिए आहार भी उपलब्ध होता है और पशुओं को यह चारे के रूप में दिया जाता है जिससे पशु अधिक दूध देते हैं.

10-12 फीट है लंबाई  वन विभाग के कार्मिक ने बताया कि छीला के पेड़ की हाइट 10 से 12 फीट होती है और मार्च-अप्रैल महीने में इस पेड़ में फूल लगते हैं. यह चौड़ी पाटीदार पौधा होता है. इसमें किसी भी प्रकार के कोई कांटे नहीं होते हैं.

Tags: Business ideas, Dausa news, Local18, Medicinal Farming

FIRST PUBLISHED : December 14, 2024, 13:56 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj