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Ground Report: उदयपुर में सिर्फ महिलाओं का मेला! 125 साल पुरानी परंपरा में उमड़ा जनसैलाब, झूले और गीतों की धूम

Last Updated:July 25, 2025, 22:57 IST

Udaipur News: उदयपुर में हरियाली अमावस्या पर महिलाओं के लिए विशेष मेला आयोजित हुआ, जो 125 वर्षों से चला आ रहा है. महाराणा फतेह सिंह द्वारा शुरू किया गया यह मेला महिलाओं के सम्मान और उल्लास का प्रतीक है.

हाइलाइट्स

उदयपुर में महिलाओं के लिए विशेष मेला आयोजित हुआ.125 वर्षों से चली आ रही परंपरा का आयोजन.मेले में 600 से अधिक दुकानें और झूले लगे.उदयपुर. झीलों की नगरी उदयपुर में हरियाली अमावस्या के मौके पर दो दिवसीय मेला महिलाओं के लिए खास आकर्षण का केंद्र बना. यह मेला इसलिए भी खास है क्योंकि यह विश्व का एकमात्र ऐसा आयोजन माना जाता है, जो केवल महिलाओं के लिए होता है. करीब 125 वर्षों से चली आ रही इस परंपरा की शुरुआत उदयपुर रियासत के समय महाराणा फतेह सिंह द्वारा की गई थी. कहा जाता है कि चावड़ी रानी के विशेष अनुरोध पर इस मेले की नींव रखी गई थी, जो आज भी महिलाओं के सम्मान और उल्लास का प्रतीक बना हुआ है.

इस बार मेले में उदयपुर शहर के यूआईटी पुलिया से लेकर सुखाड़िया सर्कल, फतेहसागर पाल और मोती मगरी तक करीब 4 किलोमीटर के क्षेत्र में मेला आयोजित किया गया. पूरे इलाके में रंग-बिरंगे स्टॉल, लोक कला, पारंपरिक व्यंजन और मनोरंजन के साधनों ने महिलाओं को खूब आकर्षित किया. मेला स्थल पर 600 से अधिक दुकानें लगाई गईं जिनमें परंपरागत परिधान, हस्तशिल्प, चूड़ियां, खिलौने, सौंदर्य प्रसाधन से लेकर राजस्थानी खाने-पीने की चीजों की भरमार रही.

महिलाओं को मिला विशेष सम्मान और आनंद
महिलाओं के लिए इस दौरान सहेलियों की बाड़ी और मोती मगरी जैसी जगहों पर प्रवेश निशुल्क रखा गया था. दिन भर महिलाओं ने परिवार और सहेलियों के साथ मस्ती की. झूलों का आनंद लिया और स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखा. खासकर बच्चों और युवतियों में डॉलर चकरी व ब्रेक डांस झूले का खास क्रेज देखने को मिला. महिलाओं की चहलकदमी और उनकी मुस्कान ने मेले को जीवंत बना दिया.

सांस्कृतिक विरासत का उत्सव बना मेलामेले में उमड़ी भीड़ ने यह साबित कर दिया कि यह आयोजन केवल परंपरा नहीं. बल्कि महिलाओं के लिए सामाजिक जुड़ाव, आत्मीयता और खुशी का उत्सव है. हरियाली अमावस्या पर इस तरह का आयोजन न केवल महिलाओं को विशेष महसूस कराता है. बल्कि मेवाड़ की सांस्कृतिक समृद्धि और उदार परंपराओं को भी दर्शाता है. यह मेला महिलाओं को स्वतंत्रता, स्नेह और सांस्कृतिक गौरव का अनुभव कराता है, जो उन्हें जीवन की भागदौड़ में फिर से ऊर्जा देता है.

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Udaipur,Rajasthan

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उदयपुर में सिर्फ महिलाओं का खास मेला…125 साल पुरानी परंपरा में उमड़ा जनसैलाब

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