Ground Report: ऐसे गांव जहां आजादी से अब तक नहीं पहुंची बिजली, नहीं देखे टीवी, फ्रिज! लालटेन से पढ़ते हैं बच्चे

धौलपुर. आज हमारा देश इतनी तरक्की कर चुका है कि वह चांद तक पहुंच गया है, लेकिन देश के अंदर आज भी कुछ क्षेत्र मौजूद हैं, जहां विकास पहुंचा ही नहीं है. आजादी के कई सालों बाद भी यहां के हालात अभी भी वैसे ही बने हुए हैं, दरअसल जिला मुख्यालय से डांग क्षेत्र में करीब 50 किलोमीटर दूर जिले में आज भी ऐसे आधा दर्जन गांव हैं, जहां के रहने वाले लोगों ने बिजली की रोशनी नहीं देखी हैं. बिजली कनेक्शन के लिए ग्रामीण चक्कर लगा रहे हैं.
ग्रामीणों ने आज तक नहीं देखे टीवी व फ्रिजआज हम आपको ऐसे ही गांवों के बारे में बताते हैं जहां आजादी के बाद भी घरों में बिजली के कनेक्शन तक नहीं हुए हैं. आपको बता दें कि धौलपुर जिले के डांग क्षेत्र में, बाड़ी उपखंड की कुदिन्ना ग्राम पंचायत के गांव पछेड़ियापुरा, मगजीपुरा, सिंघर्रा, उटुआ पुरा, लेसपुरा, डाबर व ढाणी, शाम होते ही अंधेरे में गुम हो जाते है. कई सरकारें आईं और चली गईं, लेकिन इन गांवो में आज तक बिजली की रोशनी नहीं पहुंची. इन गांवो और ढाणियों में रहने वाले ग्रामीण सरकार से बिजली की मांग कर रहे है. ग्रामीणों ने कई बार बिजली कनेक्शन की फाइल भी लगाईं, और विद्युत निगम कार्यालय के चक्कर भी लगाए, लेकिन रोशनी हाथ नहीं लगी. इन सैकड़ों गांवो में ग्रामीणों ने कभी फ्रिज, पंखा और टीवी तक नहीं देखी है. ग्रामीणों के पास मोबाइल हैं, जिनको बैटरी से चार्ज करते हैं.
डिमांड नोटिस की राशि भरने में असमर्थ ग्रामीणग्रामीण देवीराम ने Local 18 को बताया, कि विधायकों, सांसदों और जिला प्रशासन के साथ विद्युत निगम के अधिकारियों से गुहार तक लगा ली, लेकिन विद्युत कनेक्शन नहीं हुए है. सरकारों की विद्युत योजनाएं केवल नाम मात्र की रह गई है. ग्रामीणों ने विद्युत कनेक्शन के लिए कई बार फाइलें लगाईं, लेकिन कनेक्शन नहीं हुए. ग्रामीणों ने बताया कि विद्युत निगम ने कुछ दिन पहले ही डिमांड नोटिस भेजे हैं. जिसमें डिमांड नोटिस की राशि अधिक होने के कारण ग्रामीण राशि को भरने में असमर्थ हैं. कूदिन्ना ग्राम पंचायत में छोटे-बड़े 18 गांव हैं. जिनमें से 13 गांव में तो बिजली है, लेकिन 6 गांव में बिजली नहीं है.
चुनाव के समय नेताओं ने बंटोरे वोटग्रामीण रघुवीर ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री ने पहले कार्यकाल में कहा था, कि देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचा दी है, लेकिन हम लोग बिजली से अछूते रह गए. ग्रामीणों ने बताया कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे रात को दीपक और लानटेन के सहारे पढ़ते हैं. इन गांवो में ही शायद कभी कलेक्टर, एसपी या अन्य अधिकारियों ने दौरा किया होगा. हां, चुनाव के समय नेताओं ने विकास के नाम पर वोट बंटोरे होंगे, लेकिन बिजली नहीं पहुंच पाई. सभी पांचों गांवों में करीब 100 से 125 मकान बने हुए हैं. जिनमें करीब 350 मतदाताओं की संख्या है.
डिमांड नोटिस की राशि भरते ही सप्लाई होगी चालूपछेढिया पूरा की बुजुर्ग महिला लीला ने बताया कि उसकी शादी को करीब 40 साल हो गए, जब वह शादी होकर इस गांव में आई थी तब से आज तक गांव में उसने बिजली नहीं देखी. विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता आरके वर्मा ने बताया, कि विभाग ने ग्रामीणों को डिमांड नोटिस भेजी है. ग्रामीणों द्वारा डिमांड नोटिस की राशि विभाग में जमा होते ही लाइन खींचकर सप्लाई चालू कर दी जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 12:42 IST