Rajasthan

Ground Report: क्या है कोटा का एजुकेशन फॉर्मूला? जानिए क्यों देशभर से छात्र यहां पढ़ने आते हैं

देवेंद्र सेन/कोटा:  शिक्षा नगरी कोटा को लेकर देशभर में समय-समय पर कई तरह की चर्चाएं होती रही है. इन्हीं चर्चाओं के बीच लोकल 18 की टीम ने जमीनी हकीकत जानने के लिए कोटा में ग्राउंड रिपोर्ट की. जब टीम ने छात्रों और उनके अभिभावकों से सीधे संवाद किया, तो कोटा को लेकर एक सकारात्मक और भरोसेमंद तस्वीर सामने आई. अभिभावकों और छात्रों का साफ कहना है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोटा आज भी देश के सबसे मजबूत और विश्वसनीय शिक्षा केंद्रों में शामिल है. अभिभावकों का कहना था कि कोटा का शैक्षणिक वातावरण बच्चों के भविष्य को दिशा देने वाला है. उन्होंने बताया कि यदि कोई छात्र गंभीरता से पढ़ाई करना चाहता है, तो उसे कोटा आकर एक बार जरूर मौका देना चाहिए.

यहां की शिक्षा प्रणाली, अनुशासन और प्रतियोगी माहौल बच्चों को लक्ष्य के प्रति केंद्रित रखता है, जिससे वे भटकते नहीं हैं. अभिभावकों ने यह भी बताया कि कोटा में सिर्फ महंगे कोर्स ही नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन प्रतिभाशाली छात्रों के लिए भी बेहतर अवसर उपलब्ध हैं.  एलन जैसे प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों में टैलेंटेक्स जैसी परीक्षाओं के माध्यम से 90 प्रतिशत तक स्कॉलरशिप दी जाती है. कई छात्र इसी स्कॉलरशिप के जरिए लगभग मुफ्त में पढ़ाई कर रहे हैं. कुछ अभिभावकों ने गर्व के साथ बताया कि उनके बच्चों ने एलन टैलेंटेक्स के जरिए पढ़ाई कर एमबीबीएस और इंजीनियरिंग जैसी परीक्षाओं में टॉप रैंक हासिल की है.

कोचिंग के बाद हॉस्टल में पढ़ाई के लिए मिलता है बेहतर माहौल

छात्रों से बातचीत में भी कोटा की कोचिंग व्यवस्था को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आई. छात्रों ने बताया कि यहां की फैकल्टी बेहद सपोर्टिव है और पढ़ाने का तरीका अन्य जगहों से अलग और प्रभावी है. हर विषय को गहराई से, सरल भाषा में और व्यावहारिक उदाहरणों के साथ समझाया जाता है. क्लासरूम टीचिंग में क्वालिटी स्टडी मटीरियल, आधुनिक तकनीक, मॉडल्स और बेहतर किताबों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कॉन्सेप्ट जल्दी और अच्छे से क्लियर हो जाता है.

छात्रों ने यह भी बताया कि कोचिंग के बाद हॉस्टल में पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल मिलता है. अधिकांश हॉस्टलों के आसपास लाइब्रेरी की सुविधा उपलब्ध है, जहां छात्र शांत वातावरण में सेल्फ स्टडी और रिवीजन कर सकते हैं. कोटा में पढ़ाई सिर्फ क्लास तक सीमित नहीं रहती, बल्कि पूरा सिस्टम बच्चों को अनुशासित, आत्मनिर्भर और लक्ष्य-केंद्रित बनाता है.

कोटा में 1.25 लाख छात्र कर रहे हैं पढ़ाई

वर्तमान में कोटा शहर में करीब सवा लाख छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. इनमें से अधिकांश छात्र नीट, जेईई मेन्स और अन्य मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. ये छात्र केवल राजस्थान से ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ सहित देश के अलग-अलग राज्यों से कोटा पहुंचे हैं. यह आंकड़ा खुद इस बात का प्रमाण है कि कोटा आज भी छात्रों की पहली पसंद बना हुआ है. छात्रों और अभिभावकों का साफ कहना है कि कोटा की फैकल्टी का स्तर देश में कहीं और देखने को नहीं मिलता.

वर्षों का अनुभव, रिजल्ट-ओरिएंटेड पढ़ाई और बच्चों की मनोस्थिति को समझने वाली शिक्षण शैली कोटा को बाकी जगहों से अलग बनाती है. छात्रों का कहना है कि उन्होंने कोटा में जो पढ़ाई की, उसकी क्वालिटी ने उनके कॉन्फिडेंस को बढ़ाया और प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद की.

बच्चों की नियमित मॉनिटरिंग है स्पेशल

अभिभावकों ने बताया कि कोटा में पढ़ाई के दौरान बच्चों की नियमित मॉनिटरिंग होती है. टेस्ट सिस्टम, डाउट क्लास और परफॉर्मेंस एनालिसिस से छात्रों को अपनी कमजोरियों को पहचानने और सुधारने का मौका मिलता है. यही कारण है कि कोटा से हर साल बड़ी संख्या में छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षाओं में सफलता हासिल करते हैं. कुल मिलाकर शिक्षा नगरी कोटा आज भी मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए छात्रों की सबसे भरोसेमंद पसंद बना हुआ है.

बेहतर फैकल्टी, अनुशासित माहौल, स्कॉलरशिप की सुविधा, मजबूत शैक्षणिक सिस्टम और लगातार मिल रहे अच्छे परिणाम कोटा की पहचान को और मजबूत कर रहे हैं. यही वजह है कि हर साल देश के कोने-कोने से हजारों छात्र अपने सपनों को साकार करने के लिए कोटा का रुख कर रहे हैं.

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