Rajasthan

Ground Story: 100 साल पुरानी कलाकारी बढ़ा रही दौसा में छतरियों की सुंदरता, आज भी होती है पूजा, देखरेख के अभाव में जर्जर हालत

दौसा. राजस्थान में राज्य के अलग-अलग जगहों पर दुर्ग और छतरियां बनी हुई है जिनकी सुंदरता सैकड़ों वर्ष बाद भी जस की तस बनी हुई है. हालांकि की आज उनकी देखरेख करने वाला कोई भी नहीं है.  लेकिन सैकड़ों वर्ष पूर्व बनाई गई इन छतरियों पर की गई चित्रकारी और कलर पेंट आज भी मौजूद हैं.दौसा जिले में अनेक जगहों पर बनी है छतरियां दौसा जिले में स्थित घूमना गांव में आज भी सैकड़ों वर्ष पूर्व बनी छतरियां मौजूद हैं. इन छतरियों पर सैकड़ों वर्ष पूर्व कलर और चित्रकारी की गई थी. वह आज भी लगातार मौजूद है. हालांकि ये छतरियां कई जगह से क्षतिग्रस्त भी हुई हैं लेकिन उतना दिन पुराना कलर पेंट अबतक हटा नहीं है और इसकी सुंदरता को बढ़ा रहा है. दौसा जिला मुख्यालय पर भी कई जगह पर छतरी बनी हुई है.

घूमना में दादू पंथी ने बनाई थी छतरियां घूमना गांव में दादू पंथी का संत आश्रम स्थित है और संत आश्रम पर सैकड़ों वर्ष पूर्व में जो संत रहते थे उन्होंने ही इन छतरियां का निर्माण करवाया था. गांव के बालाजी के मंदिर के पास में यह छतरी बनी है इनकी सुंदरता लगातार बरकरार है. कुछ महीना पहले क्षतिग्रस्त हुए स्थान को भी मरम्मत कर ठीक किया गया है.

छतरी पर चित्रकारी से दर्शाई गई है घटना घूमना गांव में दादू पंथी के संत आश्रम पर वर्तमान में पुजारी फरेबी दास के द्वारा बताया कि छतरियां का निर्माण करीब सैकड़ों वर्ष पूर्व में हुआ था. इन छतरियों पर उस समय से कलर के माध्यम से चित्रकारी की गई और चित्रकारी के माध्यम से ही यहां पर कुछ घटनाएं भी दर्शाई गई है. आज भी इन छतरियों पर कलाकारी का रंग बरकरार है.

छतरी में आज भी बने हैं पद चरण  गांव में बनी छतरी पर आज भी संत के पद चारण स्थापित है. हालांकि कोई इसकी पूजा नहीं करता है लेकिन पद चरण भी काफी समय पहले ही स्थापित कर दिए गए थे. छतरियां पर इनकी सुंदरता लगातार अभी भी बनी हुई है और यहां पर पहुंचकर श्रद्धालु  पूजा भी करते हैं.

FIRST PUBLISHED : January 2, 2025, 19:15 IST

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