Rajasthan

भीलवाड़ा में रबी सीजन में घर पर आसानी से उगाएं ताजी सब्जियां.

Last Updated:October 29, 2025, 19:47 IST

भीलवाड़ा जिले में रबी फसल का मौसम शुरू होते ही ठंडक का असर दिखने लगा है, जो सब्जियों की खेती के लिए अनुकूल माना जाता है. कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक इंद्र सिंह संचेती के अनुसार, इस मौसम में 10 से 25 डिग्री तापमान सब्जियों की बढ़वार के लिए उपयुक्त रहता है. रबी सीजन में गोभी, पालक, मेथी, मूली, गाजर, टमाटर, चुकंदर और मटर जैसी सब्जियां आसानी से उगाई जा सकती हैं, जिन्हें ज्यादा खाद या कीटनाशक की जरूरत नहीं होती.

भीलवाड़ा. जिले में रबी फसल का मौसम शुरू होते ही हवा में ठंडक घुलने लगी है, जो सब्जियों की खेती के लिए बेहद अनुकूल मानी जाती है. इस मौसम में किसान तो खेतों में मेहनत कर ही रहे हैं, लेकिन घर के आंगन या बाड़े में भी लोग ताजी और हरी सब्जियां उगाने का शौक पूरा कर सकते हैं. रबी के सीजन की खासियत यह है कि इस दौरान कई तरह की सब्जियां कम मेहनत में उगाई जा सकती हैं और उनकी देखभाल भी बेहद आसान होती है. बस थोड़ी सी जगह, उपजाऊ मिट्टी, हल्की सिंचाई और धूप का ध्यान रखकर कोई भी व्यक्ति अपने घर के आसपास सब्जियों की एक छोटी रसोई बाड़ी तैयार कर सकता है.

कृषि विभाग के अतिरिक्त निदेशक कृषि खंड इंद्र सिंह संचेती का कहना है कि रबी सीजन यानी ठंड के मौसम में तापमान 10 से 25 डिग्री के बीच रहता है, जो सब्जियों की बढ़वार के लिए बिल्कुल बढ़िया होता है. इस मौसम में गोभी, पालक, मेथी, मूली, गाजर, टमाटर, चुकंदर और मटर जैसी सब्जियां सबसे आसानी से उगाई जा सकती हैं. इन सब्जियों की खासियत यह है कि इन्हें बहुत ज्यादा खाद या कीटनाशक की जरूरत नहीं पड़ती और इनका जीवन चक्र भी छोटा होता है. यानी लगभग 30 से 60 दिनों के भीतर ही फसल तैयार हो जाती है.

अगर आपके पास खेत नहीं है तो भी चिंता की बात नहीं है. थोड़ी सी जगह में  चाहे वह घर का आंगन हो, छत, बालकनी या बाड़ा  गमलों, ट्रे या क्यारियों में भी इन सब्जियों को उगाया जा सकता है. इसके लिए मिट्टी में गोबर की खाद या जैविक खाद मिलाकर पौधे लगाए जा सकते हैं. पालक और मेथी जैसी पत्तेदार सब्जियां हर 20-25 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती हैं. वहीं, गाजर और मूली जैसी जड़ वाली सब्जियों के लिए हल्की रेतीली मिट्टी बेहतर मानी जाती है.

इस तरह सब्जियों की की जा सकती हैगोभी और टमाटर जैसी पौध वाली सब्जियों के लिए बीज पहले नर्सरी में डालें और पौधे थोड़े बड़े हो जाने पर मुख्य गमले या क्यारी में लगाएं. इससे पौधे मजबूत होते हैं और रोगों का खतरा कम रहता है. फफूंद या कीट के हमले से बचाने के लिए नीम का अर्क या जैविक कीटनाशक छिड़काव सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है. भीलवाड़ा जिले के कई ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अब लोग किचन गार्डनिंग को अपना रहे हैं. इससे न केवल घर में ताजी सब्जियां उपलब्ध रहती हैं, बल्कि परिवार को रासायनिक मुक्त और पौष्टिक आहार भी मिलता है.

साथ ही, इससे रसोई खर्च में भी बचत होती है और पर्यावरण को भी लाभ पहुंचता है. यदि हर परिवार अपने घर में रबी सीजन की ये आसान सब्जियां उगाने की पहल करे तो यह न केवल आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम होगा, बल्कि ताजे स्वाद और स्वास्थ्य का भी बेहतरीन संगम साबित होगा. थोड़ी सी मेहनत और सही देखभाल से बाड़े में उगाई गई सब्जियां खेत की फसल से किसी भी मायने में कम नहीं होती.

Monali Paul

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW… और पढ़ें

Location :

Bhilwara,Rajasthan

First Published :

October 29, 2025, 19:47 IST

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अब रबी सीजन में घर पर आसानी से उगाएं ताजी सब्जियां, जाने कैसे

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