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किचन गार्डन में बैंगन उगाना हुआ आसान! जैविक खाद, धूप और सिंचाई से पाएं अधिक फल, जानें पूरी विधि

Last Updated:November 18, 2025, 07:20 IST

How to Grow Brinjal in Kitchen Garden: घर के किचन गार्डन में बैंगन उगाना बेहद आसान है. हल्की दोमट मिट्टी, अच्छी धूप और जैविक खाद के साथ पौधा तेजी से बढ़ता है और भरपूर फल देता है. बीज को 24 घंटे भिगोकर बोने से अंकुरण तेज होता है. नियमित लेकिन नियंत्रित सिंचाई, मिट्टी को ढीला करना और नीम ऑयल जैसे जैविक उपाय पौधे को स्वस्थ रखते हैं. समय-समय पर खाद देने से फल बड़े और अधिक मात्रा में आते हैं. घर में बैंगन उगाने से ताजी, शुद्ध और रसायन-मुक्त सब्जी आसानी से उपलब्ध होती है.bhilwara

घर के किचन गार्डन में बैंगन का पौधा लगाना आसान है और थोड़ी सी देखरेख के साथ अच्छा उत्पादन भी मिलता है. घर की खाली जगह, गमलों या ग्रो बैग में भी इसे आसानी से उगाया जा सकता है. बैंगन की रोपाई के लिए हल्की दोमट मिट्टी, गोबर की खाद और अच्छी धूप जरूरी होती है. आमतौर पर बैंगन हर मौसम का पौधा है, इसलिए इसे ऐसे स्थान पर लगाना चाहिए जहां कम से कम 5 से 6 घंटे सूर्य का प्रकाश मिलता हो. शुरुआती तैयारी सही होने पर पौधा जल्दी बढ़ता है और फल अधिक मात्रा में देता है, जिससे घर में ताजी सब्जी का स्रोत बनता है.

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किचन गार्डन में बैंगन का पौधा लगाने के लिए पहले मिट्टी को अच्छी तरह भुरभुरी बनाएं और उसमें जैविक खाद मिलाएं. यदि बीज से पौधा तैयार करना हो तो बीजों को 24 घंटे पानी में भिगोकर नरम कर लें, इससे अंकुरण तेजी से होता है. बीजों को 1 से 1.5 सेंटीमीटर गहराई में बोकर हल्का पानी दें. 10 से 15 दिनों में पौधे तैयार हो जाते हैं जिन्हें बाद में बड़े गमले या क्यारी में रोप दिया जाता है. रोपाई के समय पौधों के बीच पर्याप्त दूरी रखना जरूरी है ताकि उन्हें बढ़ने के लिए उचित जगह मिल सके.

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बैंगन के पौधे की देखभाल में नियमित सिंचाई महत्वपूर्ण है, लेकिन पानी इतना भी न दें कि मिट्टी में लगातार नमी बनी रहे. अधिक नमी से जड़ों में सड़न और कीटों का खतरा बढ़ जाता है. सप्ताह में 2 से 3 बार हल्की सिंचाई पर्याप्त रहती है. पौधे के आस-पास की मिट्टी को समय-समय पर ढीला करें, इससे जड़ें ऑक्सीजन ले पाती है और पौधा तेजी से बढ़ता है. धूप की कमी होने पर पौधे की बढ़त धीमी हो जाती है, इसलिए इसे हमेशा खुले स्थान पर रखें. यदि पत्तियां पीली होने लगे तो पौधे को अतिरिक्त जैविक खाद देने की जरूरत होती है.

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बैंगन के पौधों में कीट लगने की समस्या आम है, लेकिन घर में जैविक तरीके अपनाकर इससे आसानी से बचा जा सकता है. नीम का तेल या नीम की खली का प्रयोग कीट नियंत्रण के लिए प्रभावी माना जाता है. हर 10 से 12 दिन में नीम ऑयल स्प्रे करने से पत्ती छेदक कीट, माइट्स और अन्य रोगों से पौधा सुरक्षित रहता है. इसके अलावा लहसुन और तीखी मिर्च से बना घरेलू स्प्रे भी पौधे को कीटों से बचाने में प्रभावी होता है. रसायनयुक्त दवाओं का उपयोग किचन गार्डन में कम ही करना चाहिए ताकि सब्जियां पूरी तरह सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक बनी रहे.

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बैंगन के पौधे को समय-समय पर खाद देना भी बहुत जरूरी है. रोपाई के 20 दिन बाद पौधे में गोबर खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें और हर 15 दिन में इसकी मात्रा थोड़ी-थोड़ी बढ़ाते रहें. फूल आने के समय तरल खाद देना पौधे की उत्पादकता बढ़ाता है और फल ज्यादा तथा बड़े आकार के आते हैं. पौधे को सहारा देने के लिए लकड़ी की छोटी डंडी लगाना भी जरूरी है ताकि फल लगने के बाद डाली टूटने का खतरा न रहे. पौधों के नीचे सूखे पत्तों की परत बिछाने से नमी बनी रहती है और पौधा लंबे समय तक स्वस्थ रहता है.

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बैंगन घर पर उगाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको शुद्ध और ताजी सब्जियां मिलती है, जिनमें किसी तरह के रसायन या कीटनाशक नहीं होते. बैंगन विटामिन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर सब्जी है, जो पाचन को बेहतर बनाती है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है. किचन गार्डन में बैंगन के पौधे लगाने से घर की हरियाली बढ़ती है और पर्यावरण भी स्वच्छ रहता है. आर्थिक रूप से भी यह फायदेमंद है क्योंकि बाजार से बार-बार सब्जी खरीदने की जरूरत कम हो जाती है. थोड़ी देखभाल के साथ बैंगन का पौधा सीजन भर लगातार सब्जी देता है.

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November 18, 2025, 07:20 IST

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घर की खाली जगह में लगाएं बैंगन का पौधा, सीजनभर मिलेगी ताजी सब्जी, जानें विधि

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