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GST काउंसिल की बैठक में राजस्थान के मंत्री शांति धारीवाल और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बीच गहमा गहमी हुई.
GST काउंसिल की वर्चुअल बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से केंद्र सरकार द्वारा टीके, दवा, ऑक्सीजन एवं अन्य कोविड राहत सामग्री पर 5-12% GST वसूलने पर आपत्ति जताई है.
जयपुर. 43वीं GST परिषद की वर्चुअल बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से केंद्र सरकार द्वारा टीके, दवा, ऑक्सीजन एवं अन्य कोविड राहत सामग्री पर 5-12% GST वसूलने पर आपत्ति जताई है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मांग की कि कोविड से संबंधित सामग्री पर जीएसटी जीरो रेटिंग की जाए. अर्थात् इन्हें जीएसटी से मुक्त किया जाये.
इस मुद्दे पर काफी गहमा-गहमी हुई. कोविड-19 के दौरान भी केन्द्र सरकार टीके पर 5 % जीएसटी एवं अन्य कोविड राहत सामग्री जैसे ऑक्सीजन सिलेण्डर, दवा आदि पर भी 12 % जीएसटी वसूल कर रही है, जो उचित नहीं है. धारीवाल ने जीएसटी काॅउसिल की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पूरे प्रदेश के लिये घातक रही. संक्रमण दर एवं मृत्युदर दोनों ज्यादा थे.
राजस्व में लगभग 80% की कमी आई
मंत्री शांति धारीवाल ने राज्य का पक्ष रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार 18 से 45 साल की उम्र वालों के लिये व्यवस्था राज्यों पर ही डाल दी. वैक्सीन कम्पनीयों से एक ही टीके के लिये तीन अलग-अलग दर (एक केन्द्र के लिये, दूसरी राज्य एवं तीसरी निजी अस्पतालों के लिये) तय करायी हैं, जो अनुचित है. राज्य की जनता को कोविड से बचाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा 3000 करोड़ रुपये से टीका खरीदने का निर्णय लिया गया है. मई में अप्रैल की तुलना में वेट, राज्य उत्पादक शुल्क, स्टाम्प और पंजीकरण एवं जीएसटी आदि मदों में राज्य के राजस्व में लगभग 80% की कमी आयी है.केन्द्र सरकार से अब तक राशि रू. 7561.36 करोड़ मिले है. जिसमेें , जीएसटी मुआवजा रु. 2957.36 करोड़ और जीएसटी मुआवजा ऋण रु 4604.00 करोड़ है. संविधान की धारा 18 में 101वें संविधान संशोधन विधेयक के माध्यम से क्षतिपूर्ति कानून 2017 की धारा 7(1) के अन्तर्गत जीएसटी क्षतिपूर्ति दिये जाने हेतु प्रावधान किये गये हैं. इन परिस्थितियो में राजस्व घाटे की भरपाई हेतु क्षतिपूर्ति प्रदान करना केन्द्र सरकार का उत्तरदायित्व है.
बकाया 4635.29 करोड़ जारी किये जाए
मंत्री धारीवाल ने कहा कि जीएसटी कांउसिल में मांग की कि वर्ष 2020-21 में राज्य को रूपये 4604 करोड़ रूपये जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण के रूप में जारी किये गये है जबकि उक्त वर्णित राशि भी जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के रूप में ही जारी की जानी चाहिए थी. अतः इस राशि को जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान के मद में समायोजित किया जाये, साथ ही 2020-21 के क्षतिपूर्ति राशि के बकाया 4635.29 करोड़ रू. तुरन्त एकमुश्त जारी की जाये. राज्यों में लोक कल्याण की विभिन्न योजनाओं के लिये आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता बढ़ती जा रही है, अतः केन्द्र सरकार को चाहिए कि जीएसटी क्षतिपूर्ति प्रदान करने की अवधि को पाँच वर्ष के लिये बढ़ा कर वर्ष 2027 तक किया जावे.
केंद्र पर सौतेला व्यवहार का आरोप
धारीवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार कोविड-19 के दौरान ऑक्सीजन, ऑक्सीजन टैंकर, आवश्यक दवाईयाॅ, वैक्सीनेशन आदि बीजेपी शासित राज्यों को भरपूर दे रही है. जबकि गैर बीजेपी शासित राज्य इनके लिए तरस रहे है. केन्द्र सरकार का यह सौतेला व्यवहार ठीक नहीं है. केन्द्र सरकार को सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए तथा वैक्सीन की जिम्मेदारी स्वयं को उठानी चाहिए.