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Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand 15 july 2023 life is nectar-death form | जीवन अमृत-मृत्यु रूप है

जयपुरPublished: Jul 15, 2023 05:30:14 pm
‘शरीर ही ब्रह्माण्ड’ शृंखला में पढ़ें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख – जीवन अमृत-मृत्यु रूप है
शरीर ही ब्रह्माण्ड : जीवन अमृत-मृत्यु रूप है
Gulab Kothari Article शरीर ही ब्रह्माण्ड: ब्रह्म व माया ही रस व बल हैं। रस की शक्ति माया-बल रस से भिन्न नहीं है। ज्ञान-बल-क्रिया इसके व्यावहारिक रूप हैं। बल-शक्ति-क्रिया एक ही अर्थ रखते हैं। सुप्त अवस्था बल है, कार्य तत्परता को शक्ति कहते हैं तथा कार्य रूप क्रिया है। जो अभी चेष्टा में नहीं आई, ऐसी शक्ति का नाम बल है।