Rajasthan

21 जुलाई को इस चमत्कारी योग के साथ मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा…यहां जानें कैसे करें आराधना-guru-purnima-will-be-celebrated-on-21st-july-with-this-miraculous-yoga-how-to-worship-guru-know-here

करौली. हिंदू संस्कृति में गुरु का स्थान काफी बड़ा और महत्वपूर्ण बताया गया है. गुरु का दर्जा भी भगवान से ऊंचा बताया गया है. कई शास्त्रों में ऐसा भी बताया गया है कि गुरु के बिना भगवान की भी प्राप्ति नहीं हो सकती है. इसलिए हिंदू धर्म में हर साल गुरु की आराधना के लिए एक खास पर्व भी समर्पित है. आषाढ़ महीने की एक तिथि को आने इस पर्व को गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है.

हिंदू धर्म में यह पूर्णिमा सिर्फ गुरु की आराधना के लिए है. मान्यता है कि इस दिन गुरु की आराधना करने से जीवन का अंधकार प्रकाश में बदल जाता है. इस साल गुरु पूर्णिमा का यह खास पर्व 21 जुलाई के दिन मनाया जाएगा.

सबसे खास बात तो यह है कि इस बार गुरु पूर्णिमा पर सर्वार्थ सिद्धि जैसा शुभ योग भी बन रहा है. ऐसे में गुरु का पूजन और गरीब लोगों को दान पुण्य करने से विशेष फल की भी प्राप्ति होने वाली है. हिंदू संस्कृति में इस पर्व को 18 पुराणों के रचयिता महर्षि वेदव्यास के जन्मदिवस के रुप में मनाया जाता है. इस पर्व की शुरुआत भी वेदव्यास जी के शिष्यों द्वारा की गई थी. यह पर्व गुरु के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का दिन है.

गुरु पूजन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है यह तिथिकर्मकांड ज्योतिषी पंडित दीपक शास्त्री बताते है कि साल में गुरु पूजन के लिए कोई महत्वपूर्ण तिथि है तो वह गुरु पूर्णिमा है. इसे व्यास पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन महर्षि वेदव्यास जी भगवान की पूजा की जाती है. शास्त्री बताते हैं कि गुरु की जों सबसे बड़ी पूर्णिमा होती है वह यही आषाढ़ मास की पूर्णिमा होती है. वे बताते हैं कि हिंदू धर्म में गुरु का काफी बड़ा स्थान है. इसीलिए हिंदू धर्म में गुरु बनाने की काफी परंपरा है. क्योंकि बिना गुरु के भगवान की भी प्राप्ति नहीं होती है.

सुबह उठकर करें गुरु जी का पूजनपंडित दीपक शास्त्री बताते हैं कि इस दिन प्रातः काल उठकर सबसे पहले स्नान करके अपने गुरु जी का पूजन करना चाहिए और यदि सतगुरु देव नहीं भी हो तो उनके चित्रपट की पूजा अवश्य करनी चाहिए. वह बताते हैं कि इस दिन गुरु का आशीर्वाद सदैव विद्या, बुद्धि और बल की प्राप्ति के लिए जरूर लेना चाहिए.

शास्त्री बताते हैं कि गुरु पूर्णिमा के दिन किसी को अपना गुरु बनाना भी बेहद शुभ रहता है. इसका महत्व रामायण में भी दर्शाया गया है. रामायण की एक चौपाई में बताया गया है कि गुरु के घर में जाकर, छोटी ही समय में सारी विद्याएं प्राप्त की जा सकती है. इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु का पूजन अवश्य करना चाहिए.

Tags: Karauli news, Local18, Religion 18

FIRST PUBLISHED : July 20, 2024, 20:41 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj