Harsh Mahajan: किस्मत हो तो कांग्रेसी से भाजपाई बने इस नेता जैसी, एक पर्ची से जीती, हारी हुई बाजी! | Harsh Mahajan Himachal Rajya Sabha election Congress-turned-BJP leader wins

दरअसल भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाराज के वांव ने हिमाचल प्रदेश की सियासत में कोहराम मचा दिया है। राज्यसभा चुनाव के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर संकट के बादल छा गए हैं। सदन में राज्यसभा उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के पक्ष में बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस की हार हुई। कांग्रेस के 6 विधायकों ने ही क्रास वो़टिंग कर दी। जिसके चलते दोनों दलों के प्रत्याशियों को 34-34 वोट पड़े। लिहाजा ऐसे में फैसला पर्ची से हुआ, जिसमें अभिषेक मनु सिंघवी की हार हुई और हारी हुई बाजी भी हर्ष महाजन जीत गए।
कौन है हर्ष महाराज
हिमाचल के चंबा में जन्में हर्ष महाराज कॉलेज के दिनों से सियासत में सक्रिय रहे हैं। 1986 से 1995 तक प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। हर्ष ने पहली बार 1993 में चंबा से ही चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। महाजन लगातार तीन बार चंबा से विधायक रहे। उनकी गिनती हिमाचल के लंबे वक्त तक मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के करीबियों में होती थी। हर्ष महाजन को उनका प्रमुख रणनीतिकार भी माना जाता था। वो विरभद्र सरकार में साल 2003 से 2008 तक पशुपालन मंत्री भी रहे। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। हालांकि बीजेपी 25 सीटों पर सिमट गई और सत्ता से बाहर हो गई।
हर्ष महाजन भले ही विधानसभा चुनाव में अपने कमाल से बीजेपी को सत्ता तक नहीं पहुंचा पाए, लेकिन राज्यसभा चुनाव में की बड़ी सेंधमारी के बाद अब भाजपा को फिर से सत्ता में लौटन का विकल्प दिखने लगा है। राज्यसभा में जीत के बाद हर्ष महाराज ने दावा किया है कि एक हफ्ते या महीने में प्रदेश की सरकार गिर जाएगी। हालांकि इस दावे में कितना दम है यह आगामी वक्त ही बताएगा।