यहां मौजूद है 1051 साल पुराना पंचमुखी महादेव का अनोखा मंदिर, औरंगजेब से जुड़ी है एक कहानी…-Harsh Temple: Here is a 1051 year old unique temple of Panchmukhi Mahadev, the story of this temple is related to gods, demons and Aurangzeb

सीकर. पर्यटन के साथ आस्था के केंद्र हर्ष पर स्थित हर्षनाथ मंदिर रविवार को 1051 वर्ष का हो जाएगा. मंदिर का लोकार्पण चौहान राजा सिंहराज ने संवत 1030 में आषाढ पूर्णिमा के दिन ही किया था. जिसे बनने में 12 वर्ष का समय लगा था.
इस मंदिर में सफेद रंग का शिवलिंग मौजूद है. मंदिर में स्थित पंचमुखी शिव की मूर्ति बहुत दुर्लभ है. ये मूर्ति राजस्थान की सबसे प्राचीन शिव प्रतिमा में से एक है. पुराणों में जिक्र है कि भगवान विष्णु के मनोहारी किशोर रूप को देखने के लिए भगवान शिव पंचमुखी रूप में सामने आए थे.
देवताओं की खुशी से कहलाया हर्षमान्यता के अनुसार सावन में जल बरसाने वाले इंद्र देव वृत्तासुर से डरकर सभी देवताओं के साथ इसी पर्वत पर आकर छुपे थे. यहां आकर सभी देवताओं ने भगवान शिव की स्तुति की तब भगवान शिव प्रकट हुए. इस दौरान सभी देवताओं में हर्ष की लहर दौड़ उठी इसी कारण इस पर्वत को हर्ष पर्वत कहा जाता है और इस पर निवास करने वाले महादेव को हर्षनाथ कहा जाता है.
औरंगजेब ने तोड़ा था मंदिरहजारों सालों से सीकर के हर्ष पर्वत पर स्थित हर्ष महादेव मंदिर आस्था का केंद्र रहा. इस मंदिर की बनावट व शैली बहुत ही अनोखी थी. इस कारण जब औरंगज़ेब मंदिर तोड़ो नीति के तहत आगे बढ़ रहा था तब उसने हर्ष पर्वत पर मौजूद भगवान शिव के मंदिर को भी पूरी तरह तोड़ दिया था. इस विनाशिता के सबूत आज भी इस मंदिर पर मौजूद है. प्रकृति की गोद में समय इस मंदिर के चारों तरफ टूटे-फूटे भगवानों की मूर्तियां आज भी मौजूद है.
इतिहासकारों के अनुसार प्राचीन शिव मंदिर पर एक विशाल दीपक जलता था. जिसे जंजीरों व चरखी के जरिये ऊपर चढ़ाया जाता था. इस दीपक का प्रकाश सैंकड़ों किलोमीटर दूर से देखा जा सकता था. इसी प्रकाश को औरंगजेब ने देखा था. जिसने खंडेला अभियान के दौरान संवत 1739 में इस पर आक्रमण कर खंडित कर दिया था.
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FIRST PUBLISHED : July 21, 2024, 22:57 IST