बहुत खा चुके समोसा-कचौरी! सरकारी बैठकों में अब विधायक-सांसद को मिलेगा ये नाश्ता, क्यों हुआ बदलाव?
नागौर:- सरकारी बैठकों में चाय नाश्ते के मेन्यू में बदलाव किया गया है. सरकारी अफसरों की अब कचौरी-समोसा-आलू चिप्स और चाय की चुस्कियां लेना बंद हो जाएगी. जानकारी के अनुसार, सर्दियों में टमाटर के सूप की जगह अब बाजरे की राब प्लेट में आएगी, जिसे अधिकारी, विधायक, सांसद चाव से खाएंगे. श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने यह आदेश जारी किए हैं.
मिलेट्स को लेकर राज्य सरकार की ओर से श्री अन्न प्रमोशन एजेंसी की स्थापना की जाएगी. साथ ही इसके प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जा रहा है. इसी के तहत एक आदेश जारी किया गया है कि राजकीय कार्यक्रमों, प्रशिक्षण बैठकों, कार्यशालाओं में मिलेट्स से बने उत्पाद उपयोग में लिए जाए. इसमें बिस्किट, रस्क, नमकीन, लड्डू, चूरमा, खिचड़ी, राब हलवा, उपमा, चिला शामिल किए जाए. बैठकों में कम से कम एक व्यंजन परोसना ही होगा.
क्यों हुआ ऐसाभारत में सर्वाधिक बाजरे का उत्पादन हो रहा है और उसमें राजस्थान सिरमौर है. राज्य सरकार ने बजट में भी श्री अन्न को बढ़ावा देने की बात कही थी. ऐसे में अब श्री अन्न के प्रचार को लेकर यह आदेश किया गया है. सरकारी डाक बंगलों और सर्किट हाउस में भी आब खाने के ऑर्डर के साथ में एक व्यंजन बाजरे का होगा. इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं. यहां भी अभी तक नाश्ते से लेकर भोजन में मिलेट्स का उपयोग नहीं के बराबर है.
ये भी पढ़ें:- दादी-नानी के नुस्खे भी हो जाएंगे फेल, जब इस्तेमाल करेंगे ये झाड़ीनुमा पौधा; इलाज इतने कि बोल पड़ेंगे- ‘वाह’
क्या है श्री अन्नश्री अन्न भारत सरकार द्वारा मिलेट्स को दिया गया एक नाम है. इसमें विभिन्न प्रकार के मोटे अनाज शामिल होते हैं. यह ज्वार, बाजरा, रागी, कुटकी, कोदो, सांवा, चाकहाओ, फॉक्सटेल मिलेट से मिलकर मानता है. श्री अन्न में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं. ये डायबिटीज, मोटापा और पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होते हैं. श्री अन्न नाम इस बात को दर्शाता है कि ये अनाज न केवल भोजन के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि किसानों और पर्यावरण के लिए भी लाभदायक है.
Tags: Local18, Nagaur News, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : December 14, 2024, 14:45 IST