National

HC News: कैसे एक मां से पंगा DIG को पड़ा भारी, जांच हुई तो कैद‍ियों को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, जेल के 14 अफसरों पर केस दर्ज

चेन्नई. एक मां अपने बेटे से जेल में म‍िलने गई तो उसे म‍िलने नहीं द‍िया गया. काफी चक्‍कर काटने के बाद जब वह कई महीनों तक अपने बेटे से नहीं म‍िल सकी तो फ‍िर मां ने जो क‍िया उसके चलते डीआईजी समेत 14 अध‍िकार‍ियों पर केस दर्ज हो गया है. यह केस दर्ज करने का आदेश मद्रास हाईकोर्ट ने द‍िया है, जो एक मां क याच‍िका पर सुनवाई कर रही थी. याच‍िका की सुनवाई से साब‍ित हुआ क‍ि जेल अध‍िकारी कैद‍ियों से अपने घर का कामकाज करवाते थे.

तमिलनाडु के वेल्लोर जेल के डीआईजी आर. राजलक्ष्मी समेत 14 अधिकारियों पर कैदियों को उनके घरों में काम करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया है. मद्रास हाईकोर्ट ने कैद‍ियों का शोषण करने के न्यायिक मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट आने के बाद यह फैसला द‍िया है. सीबी-सीआईडी ​​ने राजलक्ष्मी, उनके निजी सुरक्षा अधिकारी राजू, जेल के अतिरिक्त अधीक्षक ए अब्दुल रहमान, जेलर अरुल कुमारन और दस कांस्टेबलों पर धारा 49 (उकसाने), 115 (2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 118 (2) (गंभीर चोट पहुंचाना), 127 (8) (गलत कारावास) और बीएनएस की 146 (अवैध जबरन श्रम) के तहत मामला दर्ज किया है.

हाईकोर्ट ने क्‍यों द‍िया ये आदेश?

वेल्लोर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) जी राधाकृष्णन द्वारा अपनी रिपोर्ट में हाईकोर्ट के जस्‍टिस एसएम सुब्रमण्यम और वी शिवगनम की हाईकोर्ट पीठ ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश द‍िया. रिपोर्ट में निष्कर्ष निकला कि आजीवन कारावास की सजा काट रहे हत्या के दोषी एस शिवकुमार द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की आवश्यकता है. शिवकुमार की मां ने भी अदालत का रुख किया था. घर के काम करने के अलावा, जेल अधिकारियों ने शिवकुमार पर डीआईजी के घर से 4.5 लाख रुपये नकद और अन्य कीमती सामान चोरी करने का आरोप लगाकर कथित तौर पर उसकी पिटाई की और उसे प्रताड़ित किया.

श‍िवकुमार को जेल में कहां रखा था?

शिवकुमार को कथित तौर पर तीन महीने से अधिक समय तक एकांत कारावास में भी रखा गया था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर उसे सलेम सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है. हाईकोर्ट ने जेल अधिकारियों को फटकार लगाई और तमिलनाडु के डीजी (जेल) को अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा क‍ि यह न केवल जेल मैनुअल के उल्लंघन का मामला है, बल्कि दोषी कैदी के उत्पीड़न/यातना का मामला है. उन्होंने (जेल अधिकारियों ने) न केवल सेवा शर्तों का उल्लंघन किया है, बल्कि अपराधों में लिप्त हैं.

Tags: High Court News Bench, Madras high court

FIRST PUBLISHED : September 9, 2024, 14:29 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj