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बाप रे…कितनी महंगी पड़ेगी कुत्तों की नसबंदी? सर्जरी, देखभाल का खर्च जानकर फटी रह जाएंगी आंखें what is the sterilization cost of delhi stray dogs

What will be the Sterilization cost of Stray Dogs: आवारा कुत्तों को लेकर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला जरूर डॉग लवर्स और डॉग हेटर्स दोनों की भावनाओं को समेटकर आया है, लेकिन इस फैसले पर अमल कर पाना इतना भी आसान नहीं है. स्ट्रे डॉग्स की नसबंदी और टीकाकरण करने के इस फैसले को लागू करने में ही खजाने खाली हो जाएंगे. बेहद दिलचस्प है कि एक अनुमान के मुताबिक पूरे दिल्ली एनसीआर में करीब 8 लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते हैं. ऐसे में अगर इन कुत्तों की नसबंदी में खर्च होने वाले सबसे न्यूनतम मूल्य का भी अनुमान लगाया जाए तो यह करीब 2400 करोड़ रुपये के आसपास बैठ रहा है.

इतना ही नहीं कुत्तों को पकड़ने से लेकर, उनकी नसबंदी करने के लिए पर्याप्त वेटरिनरी डॉक्टर्स व स्टाफ और इन कुत्तों के स्टेरलाइजेशन के लिए डेवलप किए जाने वाले सेंटर्स पर आने वाला खर्च इससे अलग होगा. 2400 करोड़ रुपये का आंकड़ा सिर्फ और सिर्फ स्टेरलाइजेशन के प्रोसेस का है, जिसमें सर्जिकल प्रोसेस और डॉग्स की सर्जरी के बाद देखभाल ही शामिल है. आइए एक्सपर्ट से स्टेरलाइजेशन के इस पूरे प्रोसेस के बारे में गहराई से जानते हैं…

स्मॉल एनिमल वेटरिनरी एसोसिएशन दिल्ली के सदस्य डॉ. शिवम पटेल बताते हैं कि कुत्तों की नसबंदी मेल और फीमेल में अलग-अलग करनी होती है. दोनों की ही सर्जरी की जाती है, लेकिन फीमेल और मेल कुत्तों के स्टेरलाइजेशन में आने वाले खर्च, प्रोसेस और उनकी हीलिंग में अंतर है. यहां अनुमानित सामान्य खर्च का ब्यौरा दिया जा रहा है.

मेल कुत्तों में नसबंदी का खर्च और प्रोसेस

डॉ. बताते हैं कि मेल कुत्तों की नसबंदी 4 महीने की उम्र से लेकर डेढ़ साल के बीच में की जाती है तो यह सबसे सही समय है. हालांकि डेढ़ साल के बाद भी इनकी नसबंदी की जा सकती है. इसके 3 फेज होते हैं.सबसे पहले फेज में मेल डॉग के क्लीनिकल पैरामीटर्स देखते हुए ब्लड टेस्ट किया जाता है. जब सब कुछ सामान्य आता है तो डॉग के टेस्टिकल्स को सर्जरी के माध्यम से हटाया जाता है. इसे कैस्ट्रेशन यानि बंध्याकरण भी कहते हैं.

इसके बाद तीसरा फेज आता है पोस्ट सर्जरी केयर यानि हीलिंग. सर्जरी के बाद कुत्ते को सामान्य स्थिति में लाने के लिए उसे मॉनीटर किया जाता है और ख्याल रखा जाता है. इस पूरे प्रोसेस में 3-5 दिन का समय लगता है. जबकि खर्च की बात करें तो मेल डॉग्स के कैस्ट्रेशन में न्यूनतम 3 हजार से लेकर 5 हजार रुपये तक का खर्च आता है.

फीमेल डॉग्‍स का ये है प्रोसेस और खर्च डॉ. शिवम का कहना है कि फीमेल डॉग्स के स्टेरलाइजेशन या स्पेइंग के लिए उन्हें पकड़ा जाता है. चूंकि इस प्रोसेस के लिए रिप्रोडक्टिव अंगों का पूरी तरह विकसित होना जरूरी है, ऐसे में फीमेल डॉग्स में यह सर्जरी 6 महीने के बाद ही की जा सकती है.

यह भी तीन फेज में होती है.पहले फेज में फीमेल डॉग को ब्लड टेस्ट आदि क्लीनिकल पैरामीटर्स को क्वालिफाई करना होता है. यह भी देखा जाता है कि कहीं फीमेल डॉग प्रेग्नेंट तो नहीं है. इसके बाद फीमेल की सर्जरी कर उनके जनन अंगों जैसे यूट्रस और ओवरीज को हटाया जाता है. फीमेल डॉग्स की इस सर्जरी और पोस्ट केयर में करीब 10 दिन का समय या उससे ज्यादा भी लगता है क्योंकि कुत्तों की मरहम पट्टी, एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट आदि भी देना होता है. इनकी नसबंदी में खर्च भी मेल डॉग्स के मुकाबले ज्यादा आता है. इन पर कम से कम 8-9 हजार रुपये का खर्च आता है.

सर्जरी के बाद केयर क्यों जरूरी?डॉ. शिवम कहते हैं कि कई बार कुत्तों को नसबंदी करने के दूसरे दिन ही छोड़ दिया जाता है, लेकिन ये उनकी सेहत के लिए खराब है. सर्जरी के बाद उन्हें केयर मिलनी ही चाहिए, नहीं तो उनको सेप्टीसीमिया हो सकता है, शरीर में इन्फेक्शन भी फैल सकता है या अन्य प्रकार के हेल्थ इश्यूज होने के चांसेज होते हैं और कई बार डॉग्स की मृत्यु भी हो जाती है. वहीं अगर डॉग को सेप्टीसीमिया हो जाए तो उसके इलाज में ज्यादा खर्च के साथ ही रिस्क भी बढ़ जाता है.

मौसम भी डालता है असर डॉग्स के स्टेरलाइजेशन के लिए मौसम का भी ध्यान रखना होता है. अगर बारिश का मौसम है तो इस मौसम में इन्फेक्शन फैलने की संभावना होती है. इसके अलावा हीलिंग का समय भी बढ़ सकता है.

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