दौसा में मंदिर का पुजारी बना बैठा था वह, अचानक ढूंढते हुए पहुंच गई पुलिस, निकला 50 लोगों की जान लेने वाला ‘राक्षस’ | serial killer of kidney racket posing as priest in temple of Dausa arrested by Crime Branch of Delhi Police

Delhi Crime New: दौसा (राजस्थान) के एक मंदिर में वह बीते दो सालों से पुजारी बना बैठा था. एक दिन अचानक दिल्ली पुलिस की एक टीम उसे खोजते हुए पहुंच गई. दिल्ली पुलिस की टीम ने पुजारी के भेष में मौजूद इस शख्स की जब सच्चाई बताई, तो यकीन मानिए पूरे गांव की रूह कांप गई. किसी को भरोसा नहीं हो रहा था कि उसके बीच एक ऐसा राक्षस रह रहा था, जिसने 50 लोगों की हत्या कर उन्हें मगरमच्छ के बीच फेंक दिया था.
दरअसल, यह कहानी कुख्यात सीरियल किलर डॉ. देवेंद्र शर्मा की है, जिसे लोग ‘डॉक्टर डेथ’ के नाम से जानते है. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले देवेंद्र ने 1984 में बिहार से बीएएमएस की डिग्री ली. इसके बाद उसने राजस्थान के बांदीकुई में जनता क्लिनिक खोला और 11 साल तक मरीजों का इलाज किया. लेकिन, 1994 में एक गैस डीलरशिप घोटाले में 11 लाख रुपये का नुकसान होने के बाद उसकी जिंदगी ने अपराध की राह पकड़ ली.
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फिर उसने नकली गैस एजेंसी शुरू की और 1998 से 2004 तक डॉ. अमित के साथ मिलकर 125 से अधिक अवैध किडनी ट्रांसप्लांट किए, जिनसे उसे हर केस का 5 से 7 लाख रुपये की कमाई होती थी. देवेंद्र शर्मा का अपराध यहीं नहीं रुका. 2002 से 2004 के बीच उसके गिरोह ने टैक्सी और ट्रक ड्राइवरों का अपहरण कर उनकी हत्या की और उनके वाहनों को उत्तर प्रदेश के ग्रे मार्केट में बेच दिया. शर्मा ने 21 टैक्सी ड्राइवरों की हत्या का जुर्म कबूल किया.
हालांकि दावा किया कि देवेंद्र ने 50 से ज्यादा लोगों की जान ली. इन हत्याओं के बाद शवों को कासगंज की हजारा नहर में मगरमच्छों के बीच फेंक दिया था. दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में हत्याएं करने वाले देवेंद्र को उम्रकैद की सजा मिली, जबकि गुरुग्राम की अदालत ने एक ड्राइवर की हत्या के लिए उन्हें मौत की सजा सुनाई. 2020 में 20 दिन की पैरोल मिलने पर वह फरार हो गया और सात महीने तक छिपा रहा.
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जून 2023 में दो महीने की पैरोल मिलने पर वह फिर जेल नहीं लौटा और राजस्थान के दौसा में एक आश्रम में पुजारी बनकर छिप गया. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पैरोल जंपरों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान शुरू किया. इंस्पेक्टर राकेश कुमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर अनुज कुमार और सब-इंस्पेक्टर अमित ग्रेवाल की टीम ने छह महीने तक अलीगढ़, जयपुर, दिल्ली, आगरा और प्रयागराज में तलाश की.
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस को पता चला कि देवेंद्र दौसा के एक आश्रम में पुजारी बनकर छिपा है. पुलिस ने अनुयायी बनकर उसकी गतिविधियों पर नजर रखी और उसकी पहचान पक्की कर उसे गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद शर्मा ने अपने अपराध और पैरोल जंप करने की बात कबूल की. उसने बताया कि वह जेल नहीं लौटना चाहता था. पुलिस के मुताबिक, उसके खिलाफ हत्या, अपहरण और डकैती के 27 मामले दर्ज हैं.