हेल्थ टिप्स: दिल का रक्षक है इस पेड़ की छाल, कोलेस्ट्रॉल और हाई बीपी में भी बेहद फायदेमंद, जानें सही सेवन विधि – Rajasthan News

Last Updated:December 04, 2025, 09:48 IST
अर्जुन पेड़ के फायदे: अर्जुन का पेड़ आयुर्वेद में दिल की बीमारियों के लिए रामबाण माना जाता है. इसकी छाल एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और हृदय को मजबूत करने वाले गुणों से भरपूर होती है. यह एसिडिटी, सूजन, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर हार्ट अटैक के जोखिम को कम कर सकती है. आयुर्वेदिक विशेषज्ञ अर्जुन छाल के चूर्ण या काढ़े का सीमित मात्रा में सेवन सुझाते हैं. गर्भवती महिलाएं, लो बीपी मरीज और हृदय रोग व मधुमेह की दवाएं लेने वाले लोग बिना डॉक्टर की सलाह इसके उपयोग से बचें.
प्रकृति में ऐसे अनेकों पेड़ पौधे पाए जाते हैं जो मानव शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है. ऐसा ही एक पेड़ है अर्जुन, जो कई बीमारियों में रामबाण औषधि से कम नहीं है. आयुर्वेद में इसे दिल और खून दोनों के लिए फायदेमंद माना गया है. इसकी छाल में ऐसे प्राकृतिक गुण होते हैं जो शरीर में बढ़ रहे अम्ल को शांत करते हैं, जिससे जलन, थकान और भारीपन कम महसूस होता है. इसके अलावा इसकी छाल एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और हृदय को मजबूत बनाने वाले गुणों से भरपूर मानी जाती है.

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार बताते हैं कि शरीर में एसिडिटी बढ़ने से सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस पैदा हो सकता है, जो धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है. इससे कोलेस्ट्रॉल जमा होना आसान हो जाता है और धमनियां सख्त (एथेरोस्क्लेरोसिस) हो सकती है. यह प्रक्रिया हार्ट अटैक के प्रमुख कारणों में से एक है. अर्जुन की छाल में मौजूद तत्व शरीर की इस अम्लता और सूजन को नियंत्रित करने में मददगार पाए गए हैं, जिससे हृदयाघात का जोखिम कम हो सकता है.

आयुर्वेदिक चिकित्सक के अनुसार, अर्जुन की छाल में कोएंजाइम क्यू-10 जैसे यौगिक होते हैं, जो हृदय की मांसपेशियों को ऊर्जा प्रदान करते हैं. यह रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने, धमनियों को लचीला बनाए रखने और रक्त प्रवाह को सुधारने में सहायता करती है. इसके अलावा इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण हानिकारक फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से हृदय की रक्षा करते हैं.
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अर्जुन की छाल का सेवन आमतौर पर चूर्ण, काढ़ा या कैप्सूल के रूप में किया जाता है. आयुर्वेदिक चिकित्सक ने बताया कि 250 से 500 मिलीग्राम चूर्ण या इसका काढ़ा दिन में दो बार भोजन के बाद लिया जाना फायदेमंद रहता है. इसे गुनगुने दूध या पानी के साथ लेना फायदेमंद माना जाता है. हालांकि, इसका सेवन की सही मात्रा और विधि किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक या डॉक्टर से परामर्श के बाद ही तय की जाए, क्योंकि यह व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है.

अर्जुन की छाल हृदय को मजबूती देने के साथ शरीर की अंदरूनी सफाई में भी मदद करती है. इसके नियमित सेवन से खून का संचार बेहतर होता है, हाई बीपी नियंत्रित रहता है और दिल की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं. इसके एंटी-ऑक्सीडेंट गुण शरीर को सूजन, थकान और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं. इसके अलावा यह पाचन को भी बेहतर बनाकर शरीर में हल्कापन और ऊर्जा बनाए रखती है.

आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. राजीव दीक्षित कुमार के अनुसार, अर्जुन की छाल का सेवन करते समय कुछ सावधानियां अवश्य बरतनी चाहिए. जैसे गर्भावस्था, स्तनपान और लो ब्लड प्रेशर की स्थिति में इसके सेवन से बचें. वैसे लोग जो पहले से ही हृदय रोग की दवाएं, रक्त पतला करने वाली दवाएं (ब्लड थिनर्स) या मधुमेह की दवाएं ले रहे हैं. इसके अलावा उन्हें बिना डॉक्टरी सलाह के इसका उपयोग नहीं करना चाहिए. किसी भी प्रकार की सर्जरी से पहले इसका सेवन बंद कर देना चाहिए. अधिक मात्रा में सेवन से कब्ज, सिरदर्द या शरीर में दर्द जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं.
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December 04, 2025, 09:48 IST
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दिल मजबूत, बीपी नॉर्मल! इस छाल में छिपे हैं कमाल के औषधीय गुण, ऐसे करें सेवन



