3 महीने से वेतन नहीं मिलने पर धरना, कैमरे के सामने बयां किया दर्द, सुनिए संविदाकर्मी की दर्दभरी कहानी
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Agency: Rajasthan
Last Updated:February 22, 2025, 16:02 IST
आज वह दु:ख और दर्द भरी पीड़ा से गुजरता है, क्योंकि इतने समय बीत जाने के बाद उनका वेतन उनको नहीं मिलता है. होली, दिवाली, रक्षाबंधन, हर त्यौहार गम और उदासी के साथ मनाने को मजबूर हैं.X
तीन महीने से वेतन नहीं मिलने पर धरना
हाइलाइट्स
जोधपुर के संविदाकर्मी तीन माह से वेतन न मिलने पर धरना दे रहे हैं.त्यौहारों पर भी वेतन न मिलने से संविदाकर्मी दुखी और परेशान हैं.संविदाकर्मी सरकार से वेतन की गुहार लगा रहे हैं.
जोधपुर:- चिकित्सकों को भगवान का रूप कहा जाता है और यही भगवान इंसान को बचाने का काम करते हैं. मगर मरीज को इन चिकित्सकों तक पहुंचाने की जो प्रक्रिया है, उसको वो अस्पताल के स्टाफ जो संविदाकर्मी के रूप में अपनी पहचान रखते हैं. चाहे कार्यरत लैब टेक्नीशियन, कम्प्यूटर ऑपरेटर, पचीं और कैश कांउटर आदि पर कार्यरत कर्मचारियों ब्लड बैंक में काम करने वाले, वो ब्लड सैंपल लेने वाले संविदाकर्मी की बात करें. यहां भी पर्चियां काटकर चिकित्सक के पास किसको जाना है, उसे पहुंचाने तक का काम करते हैं. मगर आज वह दु:ख और दर्द भरी पीड़ा से गुजरता है, क्योंकि इतने समय बीत जाने के बाद उनका वेतन उनको नहीं मिलता है. होली, दिवाली, रक्षाबंधन, हर त्यौहार गम और उदासी के साथ मनाने को मजबूर हैं.
रोने पर भी अभी तक नहीं हुई सुनवाई मथुरादास माथुर अस्पताल में राजदीप एन्टरप्राइजेज ठेका फर्म के अधीन कार्यरत लैब टेक्नीशियन, कम्प्यूटर ऑपरेटर, पचीं और कैश कांउटर आदि पर कार्यरत कर्मचारियों की ओर से तीन माह के वेतन को लेकर प्रशासनिक कार्यालय के बाहर धरना दिया जा रहा है. ठेका कर्मचारियों ने बताया कि ठेकेदार द्वारा उन्हें तीन माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है, ऐसे में कैसे कार्य करें. साथ ही बताया कि अस्पताल प्रशासन द्वारा उन्हें आश्वासन पर आश्वासन दिया जा रहा है, जिससे उनका घर नहीं चल रहा है और ना ही उनके बच्चों फीस एवं मकान किराया चुकता हो रहा है. हर बार अपनी मांगों को लेकर अस्पताल के बाहर धरना देते हैं, अधीक्षक से दरकार करते हैं.
सरकार से की अपने वेतन की गुजारिश जो राजदीप एन्टरप्राइजेज ठेका फर्म के हैं, उसके सामने रो देते हैं, मगर सुनवाई करने वाला कोई नहीं है. कोई सुनता है तो केवल भगवान, अब भगवान भी उनकी कब सुनेंगे, ये किसी को नहीं पता. मगर परेशानी इतनी है कि रोने को मजबूर हैं. अपने बच्चों को ये कहकर समझा देते हैं कि अगली दिवाली बेटा अच्छे से मनाएंगे. मगर इस दिवाली को जिस तरीके से दूसरों को देखते हैं, तो बच्चे भी रोते हैं. मां-बाप भी रोते हैं, तो इस तरह की परेशानी से संविदा कर्मी इस वक्त गुजर रहे हैं. अब देखते हैं कि सरकार इस संबंध में कब इनका दर्द समझती है और संबंधित जो एजेंसी है, तो इनकी सैलरी नहीं दे रही है. उनको कब ब्लैकलिस्ट करती है, ताकि एक अच्छी कंपनी को टेंडर मिले. इनका जो वेतन है, वो उनको हर माह मिलना शुरू हो जाए.
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इतनी दर्द भरी स्थिति, आखिर कब होगा समाधान लोकल 18 की टीम जब इन्हीं के बीच इनका दर्द समझने और दर्द को बांटने के लिए पहुंची, तो उनका दर्द सुनकर टीम भी एक बार नर्वस हो गई. आखिर इस स्थिति में ये परिवार के लोग कैसे अपना गुजारा कर रहे हैं. किसी ने कहा कि किराया नहीं भर पा रहे हैं. किसी ने कहा कि मकान मालिक मकान खाली करवा रहा है, तो किसी ने कहा कि बैंक जाकर धक्के खाते हैं कि क्या पता अब अकाउन्ट में पैसा आया होगा. मगर बैंक वाले भी अब हंसने लगे हैं कि आप बार-बार बैंक क्यों आते हैं? आपका पैसा 1 रुपए भी नहीं आया है. ऐसे में समझ सकते हैं कि इस तरह का दर्द बताने वाले संविदाकर्मी किस स्थिति में अपना परिवार, अपना पेट और अपनी जिंदगी को चला रहे होंगे.
Location :
Jodhpur,Rajasthan
First Published :
February 22, 2025, 16:02 IST
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3 महीने से वेतन नहीं मिलने पर धरना, कैमरे के सामने बयां किया दर्द