Ajab Gajab: नाम सुनकर लगे भूख! पाली के इस बाजार में इतिहास भी टपकता है घी की तरह, जानें अनोखा इतिहास

Last Updated:July 25, 2025, 13:16 IST
Ajab Gajab News: पाली का ‘घी का झंडा’ एक ऐसा मार्केट है, जिसका नाम जितना अनोखा है, उतनी ही दिलचस्प इसकी कहानी भी है. घी व्यापार की समृद्ध परंपरा और ऐतिहासिक घटनाओं से जुड़ा यह नाम आज भी स्थानीय संस्कृति और पहचा…और पढ़ें
हाइलाइट्स
घी का झंडा: एक नाम, कई कहानियांव्यापारिक विरासत की अनोखी पहचानसांस्कृतिक धरोहर बना ये मार्केटपाली. घी का झंडा सुनने में थोडा अजीब लगता है मगर पाली में एक बाजार है जिसका यह नाम है. राजस्थान भर में ऐसे कई शहर जहां पर वहां के मार्केट अपने अलग-अलग नामो से पहचान रखते है जिसके पीछे उसका इतिहास छिपा होता है. राजस्थान के पाली शहर में भी कुछ ऐसा ही है जहां एक बाजार है जिसको सभी को लोग घी का झंडा नाम से जानते है. इस मार्केट के नाम के पीछे का सबसे बडा कारण यही है कि यहां पहले घी की इतनी दुकाने हुआ करती थी जो पूरे राजस्थान ही नही बल्कि देश में भी अपनी शुद्धता के लिए पहचाना जाता था तब से इस मार्केट का नाम घी का झंडा पड गया.
हालांकि आज भी इस मार्केट में कई दुकाने ऐसी है जो अपना नाम उसी तरह से बनाए हुए है जिसके चलते आज भी यह मार्केट इसी नाम से प्रसिद्ध है.
कई राज्यो में घी यहां से होता था सप्लाईघी का झंडा मार्केट के व्यापारी अनिल ने लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए बताया कि पहले यहां ज्यादातर घी के व्यापारी हुआ करते थे जो भी दुकाने थी केवल घी की दुकाने ही हुआ करती थी और जब भी कोई ज्यादा व्यापार होता है तो पुराने समय में उसका नाम उसी के हिसाब से रख दिया जाया करता था. आज भी इस मार्केट को लोग घी का झंडा के नाम से ही पहचान करते है. उस समय यहां का घी शुद्धता के लिहाज से अपनी पहचान रखता था और अलग-अलग राज्यों में भी सप्लाई हुआ करता था.
हर दुकान के बाहर लिखा है यही नामइस मार्केट की खास बात यह है कि आज भी यहां हर दुकान के बाहर घी का झंडा नाम से ही दुकान का नामकरण है. आज भी जब लोग पाली आते है तो इस मार्केट में जरूर पहुंचते है. हालांकि समय आगे बढने के साथ ही यहां अब घी की दुकाने काफी कम मात्रा में हो गई है मगर एक समय हुआ करता था जब इस मार्केट में घी इतना बहुतायत में बिकता था कि इसका नाम ही घी का झंडा रख दिया गया.
homeajab-gajab
Ajab Gajab: नाम सुनकर लगे भूख! पाली के इस बाजार में घी की कहानी ने रचा इतिहास