Rajasthan

hela Khayal is still prevalent in bharatpur – News18 हिंदी

मनीष पुरी/भरतपुर: भरतपुर क्षेत्र में वैसे तो एक से एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं. इनमें से कुछ ऐसे कार्यक्रम है जो कि पूर्वजों के समय से चलते हुए आ रहे हैं और इन कार्यक्रमों को आज भी यहां के लोगों द्वारा बखूबी निभाया जाता है. इन्हीं में से एक कार्यक्रम है जिसे हेला ख्याल गीत जिसे लोकगीत के नाम से जाना जाता है. यह गीत भरतपुर में आज भी पूरी तरह से सम्मान के साथ निभा रहे हैं.

भरतपुर में इन गीतों को बड़े सम्मान के साथ गया जाता है, जिन्हें विभिन्न समाज के लोग आज भी बखूबी परंपरा के साथ निभाते हुए आ रहे हैं. इनको हेला ख्याल गीत या लोकगीत कहा जाता है. यह गीत प्राचीन संस्कृति से जुड़े हुए होते हैं. इन्हें गायन कला भी कहते हैं. इन गीतों में एक साथ काफी लोग मिलकर तेज आवाज और ऊंचे सुर में पौराणिक व धार्मिक कथाओं को गीतों के रूप में गाते हैं.

प्राचीन संस्कृति और कला को है बचाना
वहीं. स्थानीय निवासी हरि सिंह बताते हैं कि इनमें ग्रामीण गायक सामूहिक रूप से व तेज आवाज देने के अंदाज में ऊंचे सुर के साथ पक्के राग पौराणिक व धार्मिक कथाओं को गीतों के रूप में गाते हैं. उन्होंने बताया कि यह आयोजन लुप्त होती प्राचीन संस्कृति व कला को बचाने के लिए किए जाते हैं, जिसे सफल बनाने के लिए यहां के आस पास के ग्रामीण भी सहयोग करते हैं. इस समारोह में विभिन्न गांव के लोग हिस्सा लेते और इस कार्यक्रम में प्रस्तुत देने वाले सभी गायक मंडलों का ग्रामीणों की ओर से साफा माला पहनाकर व पुरस्कार प्रदान करके सम्मान किया जाता है. इन गीतों को एक साथ इकट्ठा होकर बड़े-बड़े ढोलो के साथ गया जाता है.

Tags: Bharatpur News, Local18, Rajasthan news

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj