Health

हर्बल सिंदूर: फायदे, उपयोग और बनाने की विधि

Last Updated:March 22, 2025, 21:29 IST

हर्बल सिंदूर, कुमकुम ट्री के बीज से बना, प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक होता है. यह हिमाचल और महाराष्ट्र में उगता है. इसका उपयोग लिपस्टिक, हेयर डाई, नेल पॉलिश और दवाओं में भी होता है. इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी…और पढ़ेंकभी देखा है सिंदूर का पौधा? मांग में सजते कुमकुम के फायदे उपयोग, बनाने की विधि

हर्बल सिंदूर कुमकुम ट्री के बीज से बनता है, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है.

हाइलाइट्स

हर्बल सिंदूर कुमकुम ट्री के बीज से बनता है.यह नेचुरल और स्वास्थ्यवर्धक होता है.इसका उपयोग लिपस्टिक, हेयर डाई में भी होता है.

हर शादीशुदा भारतीय महिला का मुख्य श्रृंगार होता है, उसकी मांग में सजा सिंदूर. यह न सिर्फ महिलाओं के सोलह श्रृंगार में खास स्थान रखता है, बल्कि मांग में लगता है तो चेहरे की खूबसूरती और दोगुनी हो जाती है. सिंदूर को वर्मिलन कहा जाता है, जो आम तौर पर मैन मेड होता है और इसे चूना, हल्दी, मरकरी आदि को सही अनुपात में मिलाकर तैयार किया जाता है. लेकिन, क्या आप ये जानते हैं कि सिंदूर एक पौधे के बीज से भी बनाया जाता है? यह एक हर्बल सिंदूर होता है. चलिए जानते हैं कैसे बनता है हर्बल सिंदूर और इसके फायदे क्या होते हैं.

हर्बल सिंदूर से जुड़ी रोचक बात-हर्बल सिंदूर की इस यात्रा की कहानी बड़ी रोचक है. सिंदूर के पेड़ को इंग्लिश में कुमकुम ट्री या कमला ट्री कहा जाता है. यह मैलोटस फिलिपेंसिस स्पर्ज परिवार का एक पौधा है. यह पौधा आपको दक्षिण अमेरिका, भारत में हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र में उगता है, वह भी गिने-चुने इलाकों में.

-अन्य वनस्पति की तरह ये एक ऐसा पौधा होता है, जिसमें से जो फल निकलते हैं, उससे पाउडर और लिक्विड फॉर्म में सिंदूर जैसा लाल डाई बनता है. कई लोग इसे लिक्विड लिपस्टिक ट्री भी कहते हैं. एक पौधे से एक बार में लगभग डेढ़ किलो सिंदूर फल निकलता है. इसकी कीमत 500 रुपये प्रति किलो से ज्यादा होती है.

-सिंदूर या कमीला का पेड़ 20 से 25 फीट ऊंचा होता है. पेड़ के फल से बीज निकलते हैं. इन बीजों को पीसकर सिंदूर बनाया जाता है. यह बिल्कुल नेचुरल होता है. बनाने वाले को कोई नुकसान भी नहीं होता, क्योंकि लाल चटख रंग प्राकृतिक होता है.इसमें कोई मिलावट नहीं होती.

-इस पेड़ के फल गुच्छों में लगते हैं. शुरू में हरे रंग का होता है, लेकिन बाद में यह फल लाल रंग में बदल जाता है. इन फलों के अंदर ही सिंदूर होता है. वह सिंदूर छोटे-छोटे दानों के आकार में होता है, जिसे पीसकर बिना किसी दूसरी चीजों की मिलावट की सीधे तौर पर प्रयोग में लाया जा सकता है. यह शुद्ध और स्वास्थ्य के लिए भी बहुत ही उपयोगी है. इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते. इस सिंदूर से आप मांग भरने के साथ ही खाद्य पदार्थों को लाल रंग देने के लिए भी यूज कर सकते हैं.

-इसका इस्तेमाल हर्बल लिपस्टिक बनाने में भी किया जाता है. कई दवाओं में भी इसका प्रयोग किया जाता है. इसे लिपस्टिक, हेयर डाई, नेल पॉलिश जैसे कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता है.

-कमर्शियल यूज में रेड इंक बनाने, पेंट के लिए इस्तेमाल करने, साबुन में होता है. रेड डाई का इस्तेमाल जहां-जहां हो सकता है, वहां इस पौधे का प्रयोग किया जाता है.

-इसे लगाने के दो तरीके हैं. दोनों ही बहुत पारंपरिक और कॉमन हैं. पहला बीज को प्लांट कर और दूसरे तैयार पौधे को कलम की मदद से लगाया जा सकता है. सिंदूर का पौधा घर में आसानी से नहीं उग सकता, क्योंकि इसके लिए एक अलग तरह की जलवायु चाहिए. आप इसके पौधे को ज्यादा पानी या खाद देंगे, तो पौधा पनप नहीं पाएगा. यदि कम कर दिया, तो इसमें फल नहीं आ पाएंगे.

-एफ्रीकन जर्नल ऑफ बायो मेडिकल रिसर्च में छपी एक खबर के मुताबिक, सिंदूर के पौधे में एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल गुण होते हैं. इसके चिकित्सकीय विशेषताओं को लेकर प्रकाशित समीक्षा रिपोर्ट में बताया गया कि बीजों से प्राप्त आवश्यक प्राकृतिक रंग, जिसे बिक्सिन कहा जाता है, का व्यापक रूप से खाद्य, औषधीय, कॉस्मेटिक और कपड़ा उद्योगों में उपयोग किया जाता है. सिंदूर के पौधे के विभिन्न भागों का उपयोग डायरिया, बुखार, स्किन इंफेक्शन आदि जैसी विभिन्न बीमारियों के इलाज में किया जाता है.


First Published :

March 22, 2025, 21:29 IST

homelifestyle

कभी देखा है सिंदूर का पौधा? मांग में सजते कुमकुम के फायदे उपयोग, बनाने की विधि

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj