यहां मिट्टी से तैयार हो रही सुंदर गणेश प्रतिमाएं, बाजार में भी बढ़ी डिमांड, जानें क्या है दाम
सिरोही: गणेश चतुर्थी के अवसर पर घर-घर में गणेश प्रतिमाएं स्थापित करने की परंपरा रही है. इस बार मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियों की डिमांड तेजी से बढ़ रही है. जिससे एनवायरमेंट को नुकसान ना पहुंचे. पहले लोग पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) की मूर्तियां ले लेते थे.
पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) की मूर्तियां विसर्जन के दौरान पानी में न घुलने की वजह से जल प्रदूषण का कारण बनती हैं. मिट्टी की मूर्तियां जल्दी पानी में घुल जाती हैं, जिससे जल स्रोतों को कोई नुकसान नहीं होता है.
सिरोही जिले के आबूरोड कुम्हार मोहल्ला निवासी किशोर कुमार प्रजापत का परिवार पिछले 100 वर्षों से हाथ से मिट्टी की मूर्तियां बनाने का काम कर रहा है. किशोर कुमार प्रजापत बताते हैं कि उनके परिवार ने इस काम को पीढ़ियों से जारी रखा है.
बाजार में मिट्टी की मूर्तियों की डिमांड
वह आगे बताते हैं कि अब मिट्टी की मूर्तियों की डिमांड बाजार में फिर से बढ़ने लगी है. पहले पीओपी की मूर्तियों के चलन से इस पारंपरिक काम से लोग दूर हो गए थे. लेकिन, अब मिट्टी की मूर्तियों की लोकप्रियता में इजाफा हो रहा है. यह मूर्तियां हाथ से तैयार की जाती हैं, जिसमें आसपास के गांवों से मिट्टी लाकर भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई जाती है, फिर इन मूर्तियों को रंग कर सजाया जाता है.
मिट्टी की मूर्तियां विसर्जन के बाद पानी में जल्द घुल जाती हैं, जिससे जल प्रदूषण नहीं होता है. इससे मछलियों को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. पीओपी की तुलना में मिट्टी की मूर्तियां पर्यावरण के लिए सुरक्षित होती हैं और जल स्रोतों की स्वच्छता बनाए रखती हैं.
कीमत और डिमांड
मिट्टी की मूर्तियां बाजार में छोटे से लेकर बड़े आकार तक उपलब्ध हैं. छोटे आकार की मूर्तियां लगभग 150 रुपये में बिकती हैं, जबकि तीन फीट तक की बड़ी मूर्तियों की कीमत 1500 से 2000 रुपये तक होती है. साइज और डिजाइन के अनुसार इन मूर्तियों की कीमत तय होती है, और इनकी डिमांड हर साल बढ़ती जा रही है.
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FIRST PUBLISHED : September 4, 2024, 09:20 IST