यहां मुस्लिम कारीगर तैयार करते हैं राधा-श्रीकृष्ण की अनमोल पोशाकें, देशभर में रहती है डिमांड
धौलपुर: धौलपुर जिले में जन्माष्टमी का पर्व एक अनोखे सांप्रदायिक सौहार्द का उदाहरण पेश करता है, जहां मुस्लिम कारीगर भगवान श्रीकृष्ण और राधा की पोशाकें तैयार करते हैं. इन पोशाकों की मांग न केवल राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, वृंदावन जैसे पवित्र स्थलों में होती है, बल्कि देश के अन्य हिस्सों और विदेशों तक भी फैली हुई है.
मुस्लिम कारीगर महीनों पहले से मोतियों, नग, शीशा और स्टोन से बनी पचरंगी और जरी की आकर्षक पोशाकें तैयार करने में जुट जाते हैं. इन पोशाकों को मथुरा वृंदावन से देश भर के प्रसिद्ध मंदिरों और विदेशों में स्थित मंदिरों में विराजमान ठाकुरजी के लिए भेजा जाता है.
जिले में करीब 50 से अधिक कारखाने हैंधौलपुर जिले में करीब 50 से अधिक कारखाने हैं, जिनमें से हर एक में 7 से 15 मुस्लिम कारीगर काम करते हैं. ये कारीगर पूरे साल भगवानों की पोशाक बनाकर अपने परिवारों का पालन-पोषण करते हैं.जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण और राधा की पोशाकों की मांग और भी बढ़ जाती है.कारीगरों ने बताया कि वे इस काम से मिलने वाली मजदूरी से अपनी आजीविका चलाते हैं, जबकि मुनाफा व्यापारी कमाते हैं. फिर भी उन्हें इस बात की खुशी है कि वे भगवान की सेवा में अपनी कला का योगदान दे रहे हैं.
FIRST PUBLISHED : August 26, 2024, 09:18 IST