Rajasthan

यहां कौड़ियों के भाव बिक रहे टमाटर, खून के आंसू रो रहे किसान, लागत पर भी आई आफत!

भारत एक कृषि प्रधान देश है. आज भी देश की ज्यादातर जनसंख्या गांवों में रहती है. यहां उनके रोजगार का मुख्य जरिया खेती ही है. हालांकि, पहले के मुकाबले अब खेती में इस्तेमाल होने वाले तकनीक की वजह से उपज ज्यादा होती है, जिससे किसानों को ज्यादा फायदा होता है. लेकिन भारत में खेती पर जीवन यापन करना कितना रिस्की है, इसका एक उदाहरण इन दिनों जयपुर की सब्जी मंडियों में देखने को मिल रहा है. भारी मुनाफे की चाहत में किसानों ने टमाटर की खेती तो कर डाली लेकिन अब उनका माल बिक नहीं रहा है.

इन दिनों मंडियों में टमाटर का भाव औंधे मुंह गिरा हुआ है. यहां मात्र दो रुपए किलो के भाव से किसान अपने टमाटर बेच कर जा रहे हैं. अगर इससे इंकार किया तो उनका सारा माल सड़ जाएगा. इस वजह से जो भी भाव मिल रहा है, उसी पर सब्जियां बेच दे रहे हैं. इस साल जयपुर के जैतपुरा में सब्जियों की अच्छी फसल हुई है. उत्पादन बढ़ने से इनके दाम औंधे मुंह गिर गए हैं. हालत ऐसी है कि किसानों को अपनी सब्जियां उस मूल्य पर बेचनी पड़ रही है, जिससे लागत भी नहीं निकल पा रही है.

ऐसे जा रहे भावसब्जी मंडी में किसान दो रुपए टमाटर बेचने को मजबूर हैं. किसानों के मुताबिक़, उन्होंने बड़ी उम्मीद से टमाटर की खेती की थी. लेकिन अब इसे खरीदने को कोई तैयार नहीं है. यही हाल बाकी की सब्जियों का भी है. ग्वार फली दस से बारह तो हरी मिर्च आठ रुपए किलो बिक रही है. ऐसी कीमतों की वजह से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. सब्जियों के ऐसे भाव को लेकर एक्सपर्ट्स ने बताया कि इस साल उत्पादन ज्यादा हुआ है. ऐसे में मंडियों में आवक ज्यादा है. इस कारण सब्जियों के दाम इतने गिर गए हैं.

हताश हुए किसानसब्जियों की ऐसी कीमत मिलने से किसान हताश हैं. मज़बूरी में जो कीमत दी जा रही है, उसी पर सब्जियां बेचने को मजबूर हैं. किसानों ने बताया कि जिस लागत पर उन्होंने सब्जी लगाई थी, वो भी वसूल नहीं हो पा रही है. वहीं इस डर से उन्हें सब्जियां बेचनी पड़ रही हैं कि अगर माल नहीं निकला तो वो सड़ जाएगी. जिन किसानों ने अपनी फसल देख अच्छे मुनाफे की उम्मीद की थी, वो आज खून के आंसू रोने पर मजबूर हैं.

Tags: Ajab Gajab, Shocking news, Tomato, Vegetable prices, Weird news

FIRST PUBLISHED : May 16, 2024, 12:03 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj