धरोहर : भारत में एक और ताजमहल… कोई नहीं जानता इसकी कहानी, ऐसी दर्दनाक गाथा, जानकर रो देंगे!

Last Updated:November 04, 2025, 15:44 IST
Taj Mahal Of Rajasthan : धौलपुर का अधूरा ताजमहल महाराज भगवंत सिंह और गजरा की अमर प्रेम कहानी का प्रतीक है, जो आज भी शाही प्रेम की गूंज और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में खड़ा है.
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धौलपुर. भारत में प्रेम की पहचान के रूप में आगरा का ताजमहल विश्वभर में प्रसिद्ध है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि राजस्थान के धौलपुर में भी एक अधूरा ताजमहल मौजूद है. यह इमारत न केवल प्रेम का प्रतीक है बल्कि एक ऐसी अनकही प्रेम कहानी की गवाह भी है, जो समय की मार से अधूरी रह गई. लाल और सफेद पत्थरों से बनी यह इमारत आज भले ही खंडहर हो चुकी है, लेकिन इसके हर पत्थर में एक शाही प्रेम की गूंज अब भी सुनाई देती है.
परंपराओं के आगे झुका प्रेमजब महाराज ने गजरा से विवाह करने का प्रस्ताव उसके पिता के सामने रखा तो उन्होंने सामाजिक मर्यादाओं का हवाला देकर इनकार कर दिया. लेकिन प्रेम की ताकत के आगे परंपराएं झुक गईं और कुछ समय बाद महाराज भगवंत सिंह और गजरा का विवाह हो गया. गजरा न केवल महाराज की पत्नी बनीं, बल्कि धीरे-धीरे रियासत के राजकाज में भी सक्रिय भूमिका निभाने लगीं. यही कारण था कि दरबार के कई अधिकारी और सरदार उनसे नाराज रहने लगे.
ताजमहल जैसी इमारत बनवाने का संकल्प
अपने अमर प्रेम की निशानी के रूप में महाराज भगवंत सिंह ने 1855 में ताजमहल जैसी एक इमारत बनवाने की ठानी. इस इमारत का निर्माण लाल और सफेद पत्थरों से किया गया था, जिसमें चारों ओर मीनारें, ऊंचा दरवाजा और मेहराबें थीं. बिल्कुल आगरा के ताजमहल जैसी बनावट थी. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही सन 1859 में गजरा की मृत्यु हो गई. महाराज ने उसी अधूरे ताज के बीचोंबीच अपनी प्रेयसी का मकबरा बनवाया. महाराज की इच्छा थी कि यह इमारत प्रेम की उस अमर मिसाल के रूप में जानी जाए, जो समय के साथ भी मिट न सके.
धौलपुर की ऐतिहासिक धरोहर बना अधूरा ताजआज यह अधूरा ताजमहल धौलपुर की ऐतिहासिक धरोहर के रूप में खड़ा है. जर्जर हालत में होने के बावजूद यह प्रेम की उस शाही कहानी की गवाही देता है, जिसने सीमाओं और सामाजिक बंधनों को तोड़कर खुद को अमर बना लिया. अगर इसकी उचित देखभाल की जाए, तो यह धौलपुर का ताजमहल भी देशभर में प्रेम की सबसे अनोखी निशानियों में शुमार हो सकता है.
Anand Pandey
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें
नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें
Location :
Dhaulpur,Rajasthan
First Published :
November 04, 2025, 15:41 IST
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भारत में एक और ताजमहल… कोई नहीं जानता इसकी कहानी, ऐसी दर्दनाक गाथा, जानकर…



