धरोहर : हैदराबाद का 150 साल पुराना आलिया स्कूल मौत के साये में! शाही विरासत अब खंडहर की दहलीज पर

Last Updated:December 10, 2025, 13:12 IST
धरोहर : हैदराबाद का 150 साल पुराना गवर्नमेंट हाई स्कूल बॉयज आलिया आज अपनी ही ऐतिहासिक विरासत के बोझ तले चरमराता दिखाई दे रहा है. कभी एलीट शिक्षा का केंद्र रहा यह संस्थान अब जर्जर दीवारों, गिरते कमरों और उपेक्षा के साये में खंडहर बनता जा रहा है. बावजूद इसके, इसी खतरनाक इमारत में आज भी पढ़ाई और विभागीय दफ्तर जारी हैं.
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हैदराबाद : हैदराबाद के सबसे प्रतिष्ठित विद्यालयों में शुमार गवर्नमेंट हाई स्कूल बॉयज आलिया आज आश्चर्यजनक विरोधाभास का प्रतीक है. एक ओर इसकी गौरवशाली विरासत है तो दूसरी ओर इसकी जर्जर होती ऐतिहासिक इमारत. 1872 में मदरसा-ए-आलिया के रूप में सालार जंग प्रथम के महल में स्थापित यह विद्यालय हैदराबाद के एलीट वर्ग के बच्चों के लिए शिक्षा का केंद्र था. समय के साथ यह निजाम कॉलेज का हिस्सा बना और अंततः 1949 में अपने वर्तमान परिसर नवाब फखरुल मुल्क बहादुर के निवास स्थान में स्थानांतरित हो गया.
इसकी फेहरिस्त प्रसिद्ध पूर्व छात्रों से भरी है जिनमें सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान, प्रधानमंत्री किशन प्रसाद, क्रिकेटर आसिफ इकबाल और गुलाम अहमद, लेखक राजा राव तथा अन्य प्रमुख वैज्ञानिक, इंजीनियर एवं राजनयिक शामिल हैं. लेकिन आज यह गौरवमयी इतिहास एक ऐसे खंडहर में तब्दील होता नजर आता है जिसके गिरने का खतरा मंडरा रहा है. हैरानी की बात यह है कि इसी अस्थिर इमारत में आज भी स्कूल की गतिविधियां चल रही हैं जबकि शिक्षा विभाग का कार्यालय भी इसी परिसर के सबसे जर्जर हिस्से में स्थित है.
150 साल पुरानी संस्था उपेक्षा के घेरे में1872 में एक छोटे से स्कूल के रूप में शुरू हुआ यह संस्थान अपने 150 वर्षों से ज्यादा के सफर में एजुकेशन एक्सेल का प्रतीक रहा. इसके पुराने छात्र यह सवाल खड़ा करते हैं कि क्या इसकी ऐतिहासिक धरोहर और वर्तमान अकादमी भूमिका को बचाए रखने के लिए तत्काल संरक्षण और नवीनीकरण के प्रयास नहीं किए जाने चाहिए राज्य सरकार को चाहिए कि ऑफिसर से राय लें और समझें की इसे कैसे बचाया जा सकता है.
हैदराबाद की अकादमिक यादें धुंधली पड़ रहींइसकी कहानी हैदराबाद के अकादमी और सांस्कृतिक इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है जो धीरे-धीरे उपेक्षा के साये में खोता जा रहा है. एक समय यहां अंग्रेजी और ओरिएंटल एजुकेशन का अनोखा मिलन होता था और छात्रों को मद्रास विश्वविद्यालय की मैट्रिक परीक्षा के लिए तैयार किया जाता था. 1971 के पूर्व छात्र सैयद शुजात अली जैसे लोग आज भी उन दिनों के जोशीले छात्र संघ चुनावों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को याद करते हैं.
About the AuthorRupesh Kumar Jaiswal
रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें
Location :
Hyderabad,Telangana
First Published :
December 10, 2025, 13:12 IST
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हैदराबाद गवर्नमेंट हाई स्कूल बॉयज आलिया की ऐतिहासिक इमारत संकट में



