हाई-टेक कोच वॉशिंग प्लांट जोधपुर

Last Updated:November 20, 2025, 09:05 IST
Jodhpur Automatic Train Washing: जोधपुर के भगत की कोठी कोचिंग डिपो में हाई-टेक ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट शुरू हो गया है. लगभग 2.5 करोड़ की लागत से विकसित यह सिस्टम 24 कोच की ट्रेन को सिर्फ 7–10 मिनट में धो देता है. सेंसर और ETP तकनीक के कारण धुलाई में इस्तेमाल पानी का 80% पुनर्चक्रित होकर दोबारा उपयोग में आता है, जिससे पानी की बड़ी बचत होगी.
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जोधपुर में 7 मिनट में ट्रेन वॉश करने वाला हाई-टेक कोच वॉशिंग प्लांट शुरू
जोधपुर. उत्तर पश्चिम रेलवे ने भगत की कोठी कोचिंग डिपो में ट्रेन धुलाई को पूरी तरह हाई-टेक बना दिया है. करीब ढाई करोड़ रुपए की लागत से तैयार यह ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट अब ट्रेन को साफ करने में सिर्फ 7 से 10 मिनट का समय लेता है. यह प्लांट 22 से 24 कोच वाली लंबी ट्रेनों को भी बेहद तेजी से धो देता है. डीआरएम अनुराग त्रिपाठी के अनुसार, यह सिस्टम पूरी तरह स्वचालित है और इसमें हाई-प्रेशर जेट, डिटर्जेंट स्प्रे, ब्रशिंग, रिंसिंग, वाइपर और ब्लोअर जैसी मल्टी-स्टेज प्रोसेस शामिल है. यह अपग्रेड न केवल ट्रेनों की सफाई की गुणवत्ता को बढ़ाएगा, बल्कि भारतीय रेलवे के रखरखाव मानकों को भी बेहतर करेगा.
सेंसर तकनीक से पानी की बड़ी बचतइस प्लांट की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता इसका पर्यावरण के अनुकूल होना है. प्लांट में लगे विशेष सेंसर सिर्फ आवश्यक स्थान पर ही पानी का उपयोग सुनिश्चित करते हैं, जिससे पानी की बर्बादी लगभग खत्म हो गई है. सबसे खास बात यह है कि एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ETP) के जरिए धुलाई में इस्तेमाल पानी का 80% दोबारा उपयोग लायक बनकर वापस सिस्टम में जाता है, जिससे रेलवे को हर साल लाखों लीटर पानी की बचत होगी. यह तकनीक जल संरक्षण की दिशा में रेलवे का एक महत्वपूर्ण कदम है.
हाई-टेक ब्रश सिस्टम: हर कोने की सफाईप्लांट में वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल दोनों तरह के ब्रश लगे हैं जो ट्रेन के हर हिस्से की सफाई सुनिश्चित करते हैं. ट्रेन को प्लांट से 5–10 किमी/घंटा की स्पीड से गुजारा जाता है, जिससे मशीन हर कोच पर समान रूप से काम कर सके. स्वचालित सिस्टम के कारण अब समय की बचत होगी, कम मानव श्रम लगेगा और सफाई की बेहतर गुणवत्ता मिलेगी. साथ ही, कर्मचारी अब अन्य मेंटेनेंस कार्यों में अधिक प्रभावी ढंग से लग पाएंगे.
7 मिनट में कैसे होती है ट्रेन की धुलाई?वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर मेजर अमित स्वामी के अनुसार, इस हाई-टेक प्लांट में ट्रेन की धुलाई निम्न चरणों में होती है: सबसे पहले स्प्रे सिस्टम ट्रेन को पानी से गीला करता है. इसके बाद डिटर्जेंट स्प्रे पूरी बॉडी पर फैलाया जाता है. फिर ब्रशिंग से डिटर्जेंट को रगड़कर गंदगी हटाई जाती है. इसके बाद ट्रीटेड वाटर से फाइनल वॉश किया जाता है. अगला चरण वाइपर सिस्टम का होता है जो कोच की सतह को साफ करता है और अंत में ब्लोअर ट्रेन को पूरी तरह सुखा देता है. यह पूरा प्रोसेस 7–10 मिनट में पूरा हो जाता है. इसके बाद ट्रेन के अंदर मैनुअल क्लीनिंग और अन्य मेंटेनेंस का काम किया जाता है
Location :
Jodhpur,Jodhpur,Rajasthan
First Published :
November 20, 2025, 09:05 IST
₹2.5 करोड़ की मशीन का कमाल, मिनटों में चमकाएगी 24 डिब्बों वाली पूरी ट्रेन



