Rajasthan

धरोहर : रियासत से लोकतंत्र तक की साक्षी, धौलपुर की ऐतिहासिक नगर पालिका

Last Updated:December 18, 2025, 14:56 IST

Dhaulpur Nagar Palika Bhavan : धौलपुर की गौरव पथ पर खड़ी ऐतिहासिक नगर पालिका इमारत आज पहचान और उपेक्षा के बीच जूझ रही है. रियासत काल से लेकर आजादी के बाद तक प्रशासनिक गतिविधियों का केंद्र रही यह धरोहर अब खाली पड़ी है. अपने अनोखे इतिहास, स्थापत्य कला और अधूरे ताज से जुड़े रहस्य के कारण यह इमारत आज फिर चर्चा में है.

धौलपुर : राजस्थान को गढ़ दुर्ग और किलों का राज्य कहा जाता है यहां पर कई ऐसी ऐतिहासिक इमारत बनी हैं जिनमें राजस्थान के शौर्य की गाथा गूंजती है. और इन ऐतिहासिक इमारतों ने राजस्थान के इतिहास को सदा के लिए अमर कर दिया एक ऐसे ही इमारत है राजस्थान के धौलपुर जिला मुख्यालय के गौरव पथ पर एक आकर्षक और ऐतिहासिक इमारत जिसे आजादी के बाद धौलपुर में नगर पालिका भवन के रूप में जाना गया.

धौलपुर में स्थित इस ऐतिहासिक इमारत का अपना एक गजब का इतिहास है 1904 में यह इमारत कभी रियासत काल की टाउन काउंसिल भवन यानी क़ी नगर पालिका हुआ करती थी जिसे रियासत काल के समय टाउन हॉल के नाम से भी जाना जाता था. 1904 में महाराज राना रामसिंह के समय प्राथमिक तौर पर यह रियासत के कर्मचारी और मनोनीत सदस्यों का बोर्ड हुआ करता था और महाराज राना रामसिंह टाउन काउंसिल भवन के अध्यक्ष हुआ करते थे और धौलपुर रियासत के सारे कामकाज यहीं से किए जाते थे.

नगर पालिका से धरोहर तक, इतिहास समेटे इमारतआजादी के बाद यह ऐतिहासिक इमारत 1954 में पहली बार निर्वाचित नगर पालिका के रूप मे अस्तित्व में आई. आजादी के बाद से लेकर और आज तक यह ऐतिहासिक इमारत नगर पालिका भवन के रूप में आकर्षक गतिविधियों का केंद्र रही है. लेकिन आज की स्थिति यह है कि नगर पालिका से नगर परिषद के रूप में विस्तार हो जाने से यह भवन अब खाली हो गया है. पर धौलपुर जिले में आज भी इसकी पहचान नगर पालिका भवन के रूप में की जाती है. रियासत काल के समय धौलपुर के लाल सफेद बलुआ पत्थर से बनी यह ऐतिहासिक इमारत अपनी स्थापत्य कला का बेजोड नमूना है. गुंबदनुमा बनी यह ऐतिहासिक इमारत अपनी भव्यता के कारण आज भी धौलपुर के इतिहास में अपना मुख्य स्थान रखती है.

अधूरे ताज से जुड़ा धौलपुर का रहस्यइतिहासकार अरविंद कुमार शर्मा बताते हैं धौलपुर जाट राजवंश के निकट पारिवारिक सदस्य स्वर्गीय हरि सिंह राजोरिया जी ने बताया था यह ऐतिहासिक इमारत बननी कहीं और थी जिसका उपयोग किसी अन्य भवन के लिए होना था गजरा की मजार जिसे इतिहास के पन्नों में अधूरा ताजमहल कहते हैं इस मजार पर आज तक कोई गुंबद नहीं है इस ऐतिहासिक नगर पालिका गुंबद वाली इमारत को मजार पर स्थापित किया जाना था पर परिस्थितियों के चलते यह इमारत नगर पालिका के रूप में ही तब्दील हो गई. आज भी यह इमारत धौलपुर के गौरव पथ पर मजार की गुंबद की शक्ल में स्पष्ट दिखाई देती है.

बदहाली में धरोहर, म्यूजियम की मांगइतिहासकार अरविंद कुमार शर्मा कहते हैं यह ऐतिहासिक इमारत बदहाल स्थिति में है और प्रशासन से निवेदन है कि इस इमारत का उपयोग धौलपुर में म्यूजियम के रूप में किया जाए जिससे पूरा संपदा की ऐतिहासिक महत्व की जो वस्तु है उनको संरक्षण मिले और इस ऐतिहासिक इमारत का इतिहास भी अखंड बना रहे. निश्चित तौर पर सरकार को इस और ध्यान देना चाहिए. अगर राज्य सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो धौलपुर अपनी ऐतिहासिक धरोहर को खो बैठेगा.

About the AuthorRupesh Kumar Jaiswal

A Delhi University graduate with a postgraduate Diploma in Journalism and Mass Communication, I work as a Content Editor with the Rajasthan team at India Digital. I’m driven by the idea of turning raw in…और पढ़ें

Location :

Dhaulpur,Rajasthan

First Published :

December 18, 2025, 14:56 IST

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