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OpenAI may soon become Operating system not limited to apps glen coates create new vision other than tool- OpenAI का अगला कदम: ChatGPT को ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने की तैयारी, ये है मास्टरप्लान

OpenAI अब चैटजीपीटी को सिर्फ एक ऐप या चैटबॉट तक सीमित नहीं रखना चाहता, बल्कि इसे एक पूरा ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने की दिशा में काम कर रहा है. इस बड़े विज़न को आगे बढ़ाने के लिए कंपनी ने एक नया सीनियर एग्ज़ीक्यूटिव भी नियुक्त किया है. सोमवार को OpenAI ने Glen Coates को हेड ऑफ ऐप प्लैटफॉर्म के रूप में नियुक्त करने की पुष्टि की, जिन्होंने खुद कहा है कि उनका लक्ष्य चैटजीपीटी को एक OS में बदलने में मदद करना है.

अभी तक चैटजीपीटी को हम एक ऐप या प्लेटफॉर्म के तौर पर जानते हैं, जहां यूज़र सवाल पूछते हैं और AI जवाब देता है. लेकिन समय के साथ चैटजीपीटी सिर्फ बातचीत करने वाला टूल नहीं रहा. इसमें अब ऐसे AI एजेंट्स हैं जो अलग-अलग ऐप्स और सर्विसेज़ से जुड़ सकते हैं.

OpenAI ने हाल ही में चैटजीपीटी Apps फीचर भी लॉन्च किया है, जिससे थर्ड-पार्टी ऐप्स चैटजीपीटी के अंदर ही काम कर सकते हैं. यानी यूज़र को अलग-अलग ऐप खोलने की ज़रूरत नहीं, सब कुछ चैटजीपीटी के इंटरफेस में ही हो सकता है.

OS बनने के कितने करीब है चैटजीपीटी?किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम का काम होता है, हार्डवेयर, यूज़र और ऐप्स के बीच पुल बनना.

अगर इस नजर से देखें, तो चैटजीपीटी पहले ही कई काम कर रहा है:

यह एक यूज़र इंटरफेस है,
इसमें ऐप्स और टूल्स का सपोर्ट है
इसमें इन-बिल्ट सर्च, डेटा एक्सेस और कॉन्टेक्स्ट समझने की क्षमता है
अब सिर्फ एक चीज़ बाकी है, और वह है हार्डवेयर से गहरा इंटीग्रेशन. यही वह जगह है जहां Glen Coates की भूमिका अहम हो जाती है.

Glen Coates की भूमिका क्यों अहम है?

ग्लेन कोट्स ने TechCrunch से बातचीत में साफ कहा कि आने वाले कुछ सालों में OpenAI चैटजीपीटी को ऐसा प्लेटफॉर्म बनाना चाहता है, जहां:

लिखने के लिए अलग ऐप
कोडिंग के लिए अलग ऐप
प्रोडक्ट्स और सर्विसेज़ से जुड़ने के लिए अलग ऐप
सब कुछ चैटजीपीटी के अंदर ही उपलब्ध हो.

सही समय पर बड़ा कदमOpenAI का यह कदम ऐसे समय पर आया है जब, कंपनी के पास मजबूत डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर है. Adobe, Canva, Zillow जैसे बड़े ऐप्स के साथ पार्टनरशिप है. Jony Ive के साथ मिलकर AI डिवाइस पर काम चल रहा है, जिसकी संभावित लॉन्च टाइमलाइन 2027 बताई जा रही है. अगर OpenAI इन सबको चैटजीपीटी के कंवर्सेशनल इंटरफेस के साथ जोड़ देता है, तो यह दुनिया का पहला AI-powered operating system बन सकता है.

फिलहाल OpenAI ने कोई स्पष्ट टाइमलाइन नहीं बताई है कि चैटजीपीटी कब OS जैसा बनेगा. लेकिन इतना साफ है कि कंपनी सिर्फ एक चैटबॉट नहीं, बल्कि AI के ज़रिए कंप्यूटिंग का पूरा तरीका बदलना चाहती है. अगर ये विज़न सफल होता है, तो भविष्य में हम ऐप्स नहीं, बल्कि सीधे चैटजीपीटी जैसे AI OS से काम करते नज़र आ सकते हैं.

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