Historical Monument: ऐतिहासिक लोधी मीनार की जर्जर हालत, कभी धार्मिक गतिविधि का था प्रमुख केंद्र, आज पड़ा है वीरान

भरतपुर. बयाना में स्थित लोधी मीनार एक ऐतिहासिक धरोहर है जो कभी अपनी शान और उपयोगिता के लिए जानी जाती थी. इस गोलाकार मीनार का निर्माण 1519-20 में इब्राहिम लोदी द्वारा करवाया गया था. इसका उपयोग मुख्यत: धार्मिक उद्देश्यों के लिए विशेषकर अजान देने के लिए किया जाता था. मीनार का डिज़ाइन और निर्माण उस समय की उत्कृष्ट वास्तुकला का प्रतीक है. लोधी मीनार न केवल वास्तुकला के लिहाज से महत्वपूर्ण है बल्कि इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी अत्यधिक है.
उपेक्षित अवस्था में खड़ी है लोधी मीनार यह मीनार उस दौर की कहानी सुनाती है. जब इसे मुस्लिम धार्मिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में देखा जाता था उस समय यह मीनार धार्मिक उद्देश्यों के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का भी केंद्र हुआ करती थी. इसके निर्माण में उपयोग की गई तकनीक और शैली उस समय की वास्तुकला की श्रेष्ठता को दर्शाती है. हालांकि समय के साथ लोधी मीनार की हालत खराब होती चली जा रही है.देखभाल और संरक्षण के अभाव में आज यह मीनार उपेक्षित अवस्था में खड़ी है.
प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में हो विकसित इसकी दीवारों पर समय की मार साफ झलकती नजर आ रही है. अब यह केवल अपने गौरवशाली अतीत की एक झलक प्रस्तुत करती है. वर्तमान में मीनार का जीर्णोद्धार आवश्यक है. यह न केवल बयाना बल्कि पूरे भरतपुर के लिए एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सकती है. स्थानीय प्रशासन और इतिहास प्रेमियों को इस धरोहर की ओर ध्यान देना चाहिए. इसे सही तरीके से संरक्षित किया जाए और इसके ऐतिहासिक महत्व को उजागर किया जाए.
गौरवशाली अतीत का केंद्रयह मीनार न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि देश-विदेशी के पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन सकती है. लोधी मीनार एक ऐतिहासिक स्मारक के रूप में आज भी खड़ी है. यह हमें हमारे गौरवशाली अतीत से जोड़ती है. यह स्मारक हमारे इतिहास और संस्कृति की गहरी समझ प्रदान करती है और इसके संरक्षण के प्रयास इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रमुख स्रोत बना सकती है.
FIRST PUBLISHED : December 27, 2024, 22:15 IST