Rajasthan

Art Fair: विदेशी कलाकारों ने गांव में लगाई प्रदर्शनी, भारतीय जीवनशैली के चित्र देखकर चौंक गए सिरोही के लोग

सिरोही : जिले के एक छोटे से गांव में 4 अंतरराष्ट्रीय कलाकारों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. इसे देखने के लिए गांव ही नहीं दूरदराज से लोग आ रहे हैं. जिले के अन्दौर गांव में फ्रांस, अमेरिका और ताइवान के चार अंतरराष्ट्रीय कलाकार अपनी रचनात्मक कला प्रस्तुत करते हुए प्रदर्शनी लगाई गई है. हिंज आर्ट्स स्पेस, अन्दौर में आयोजित इस प्रदर्शनी का नाम ‘आखरी किनारे पर’ रखा गया. चारों अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने अन्दौर गांव में रहकर यहां की दैनिक दिनचर्या से प्रभावित होकर विभिन्न कलाकृतियों को तैयार किया. फ़ार्म स्टूडियो में रचनात्मक कार्य कर रहे चार अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों ने प्रदर्शनी में अपनी कलाकृतियों का प्रदर्शन किया.

ताइवानी कलाकार ने कढ़ाई कर दिया ये संदेशताइवानी कलाकार मेन्ग येह चौ ने स्थानीय बच्चों के साथ फ़ार्म स्टूडियो में बिताए गए अपने अनुभवों से प्रेरित होकर छोटे अर्थपूर्ण संदेश को कढ़ाई कर उकेरा. इस कलाकृति का शीर्षक ‘जब शब्द चित्र बन जाते हैं’ रखा. इसमें देवनागरी लिपि में कपड़े पर कढ़ाई की गई. ताइवानी कलाकार की इस कला में भारतीय व ताइवानी शैली का संगम देखने को मिला.

अलास्का में फोटोग्राफी कर चुकी जूडी ने की फोटोग्राफीअमेरिकी फोटोग्राफर जूडी सांचेज़, जो अलास्का के बर्फले वातावरण की फोटोग्राफी कर चुकी है, उन्होंने ग्रामीण परिवेश में कई अनोखे फोटो क्लिक किए. भारत देश अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली रंगतों के लिए प्रसिद्ध है. प्रदर्शनी में जुड़ी द्वारा खींची गई तस्वीरों में गांव के शांतिपूर्ण और चिंतनशील वातावरण को दर्शाते हुए जैविक रूप दिया गया.

फ्रांसीसी कलाकारों ने पेश किया शिल्पकला का अनोखा नमूनाफ्रांसीसी कलाकार शार्लोट हर्बेन ने बड़े आकार की एक मुलायम-शिल्पकला ‘अंगरखा ऑफ द महाराजा’ बनाई, जो पूरी तरह से प्लास्टिक बैग्स से बनी थी. अपने कार्यों में वह साधारण सामग्री का उपयोग करती हैं ताकि उन्हें एक विशेष सौंदर्य में बदल सकें. इस कृति में सोने और ब्रोकेड के स्थान पर नीले पीले और धातु के प्लास्टिक बैग्स का उपयोग किया गया, जो महाराजाओं के खोए हुए साम्राज्यों की समृद्धि और वैभव को दिखा रहा था.

भारतीय भोजन से बनाया प्रदर्शनी कलाकार ने बताया कि कला के माध्यम से प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है. फ्रांसीसी कलाकार ताईन ग्रास ने अन्दौर गांव में एक बड़े पैमाने पर खाद्य कला और प्रदर्शन तैयार किया. इसमें स्थानीय ग्रामीणों को कलाकृतियों का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया गया. ’43 चपाती’ नामक इस कृति में उन्होंने भारतीय भोजन को अपनी यात्रा के अनुभवों के साथ जोड़ा, जो उन्होंने भारत में बिताए. हर विवरण उनके यात्रा के एक हिस्से का प्रतीक है.

Tags: Art and Culture, Local18, Sirohi news

FIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 23:51 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj