MLAs took advantage of Gehlot-pilot’s ‘war’, got tickets to the families– News18 Hindi

जयपुर. राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच जंग से भले ही कांग्रेस अलाकमान परेशान हो रहा है, लेकिन पंचायत चुनाव में कांग्रेस और समर्थित विधायकों को तो इस खींचतान का जमकर फायदा मिल रहा है. छह जिलों में पंचायत चुनाव के लिए नामांकान दाखिल हो चुके हैं. कांग्रेस में एक मंत्री समेत सात विधायकों ने अपने परिवार को टिकट दिलवा दिए. अब इन विधायकों की निगाहें अपने परिवार से जिला प्रमुख और प्रधान बनाने पर है.
टिकट की सूची में शामिल नामों पर ध्यान दिया जाए तो सबसे अधिक फायदे में रहे बीसएपी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक और गहलोत सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायक. टिकटों के बंटवारे के लिए जिलावार प्रभारी नियुक्त किए गए थे, लेकिन टिकट बंटे विधायकों की मर्जी से. हालांकि इस बंटवारे में भी गहलोत बनाम पायलट की जंग सामने आ ही गई.
इन विधायकों के परिवारवालों को मिली टिकट
1- बाबूलाल नागर– दूदू सेनिर्दलीय विधायक- गहलोत समर्थक और सचिन पायलट पर अक्सर निशाना साधने को लेकर चर्चित.
पंचायत चुनाव में नागर के परिवार को दो टिकट मिले- नागर के बेटे विकास नागर को जयपुर जिला परिषद के वार्ड 11 से सदस्य का टिकट. चुनाव जीते तो जिला प्रमुख पद के दावेदार.
-पुत्रवधु रुपाली नागर को मौजमाबाद पंचायत समिति के वार्ड 13 से कांग्रेस उम्मीदवार. पुत्रवधु भी चुनाव जीती को प्रधान पद की दावेदार होगी.
2- बीएसपी से कांग्रेस में शामिल हुए नदबाई से विधायक जोगेंद्र अवाना के बेटे हिंमाशु अवाना को भरतपुर के उच्चैन से पंचायत समिति के वार्ड 13 से कांग्रेस टिकट मिला. हिंमाशु निर्विरोध चुने गए. अब प्रधान पद के दावेदार है.
3- गहलोत समर्थक खंडार से कांग्रेस विधायक अशोक बैरवा के बेटे संजय बैरवा को खंडार से पंचायत समिति सदस्य का टिकट मिला.
4- गहलोत सरकार में गृह रक्षा राज्य मंत्री और वैर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक भजन लाल जाटव भी उपकृत.
-जाटव की बेटी सुमन और बहु साक्षी को पंचायत समिति सदस्य का कांग्रेस प्रत्याशी बनाया.
-जाटव पायलट कोटे से माने जाते थे लेकिन पायलट की बगावत के वक्त पाला बदलकर गहलोत खेमे में आ गए.
5- जाहिदा खान- कामां से कांग्रेस विधायक- जाहिदा ने परिवार को तीन टिकट दिलवाए.
बेटी डॉ शहनाज खान, बेटा साजिद खान और देवरानी साहिरा पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ रहे हैं. जाहिदा के पति जलीस खान पहाड़ी पंचायत समिति के प्रधान रह चुके और इस बार भी प्रधानी पर परिवार की दावेदारी. जाहिदा पायलट समर्थक मानी जाती है, लेकिन सरकार के संकट के वक्त गहलोत खेमें में रही.
6- जोधपुर के ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा की मां लीला मदेरणा जोधपुर जिला परिषद के सदस्य का चुनाव लड़ रही है. चुनाव जीती तो जिला प्रमुख पद की दावेदार है, लेकिन जोधपुर जिला परिषद के सदस्य के लिए कांग्रेस टिकट पर ही पाली से पूर्व कांग्रेस सासंद और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी बद्री जाखड़ की बेटी मुन्नी देवी भी उम्मीदवार है. मुन्नीदेवी भी चुनाव जीती तो जिला प्रमुख पद की दावेदार. जाखड़ और मदेरणा परिवार के बीच जिले में टिकटों के बंटवारे को लेकर भी भारी जंग रही. जाखड़ ने अपने परिवार को तीन टिकट दिलवाए। भतीजे और पौत्री को पंचायत समिति सदस्य का टिकट दिलवाया.
वैसे मदेरणा परिवार परंपरागत रुप से गहलोत विरोधी रही. भंवरीदेवी केस में दिव्या मदेरणा के पिता महिपाल मदेरणा आरोपी हैं. अभी इलाज के लिए अंतरिम जमानत हैं. गहलोत सरकार के संकट के वक्त हालांकि वे गहलोत कैंप में थी, लेकिन तब भी दिव्या को लेकर सवैल उठते रहे कि वे क्या वे गहलोत के साथ रहेगी या नहीं.
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