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Holi 2024: नई नवेली बहू ससुराल में क्यों नहीं मनाती पहली होली? होलिका से क्या हैै कनेक्शन | Why does not newly wed daughter in law celebrat first Holi in sasural

विष्णु भक्त होने के नाते बच गए प्रह्लाद

पुराणों में वर्णित घटना के अनुसार, हिरण्यकश्यप नाम के राक्षस के घर भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद का जन्म हुआ था। वह बचपन से ही विष्णुभक्त थे। यह बात हिरण्यकश्यप को बिल्कुल पसंद नहीं थी तो उसने अपनी बहन होलिका के साथ मिलकर अपने ही बेटे को मारने की कोशिश की। लेकिन प्रह्लाद विष्णु भक्त होने के नाते बच जाते हैं। लेकिन होलिका जलकर भस्म हो जाती है।

नई बहु क्यों नहीं देखती होलिका दहन?

होलिका की इसी कहानी का एक और स्वरूप मिलता है। कहते हैं कि जिस दिन होलिका ने आग में बैठने का काम किया, अगले दिन उसका विवाह भी होना था। उसके होने वाली पति का नाम इलोजी बताया जाता है। लोक कथा के मुताबिक, इलोजी की मां जब बेटे की बारात लेकर होलिका के घर पहुंची तो उन्होंने उसकी चिता जलते दिखी अपने बेटे का बसने वाला संसार उजड़ता देख वह बेसुध हो गईं और उन्होंने प्राण त्याग दिए। बस तभी से ये प्रथा चला आ रही है कि नई बहू को ससुराल में पहली होली नहीं देखनी चाहिए। इसीलिए वह होली से कुछ दिन पहले मायके आ जाती हैं।

बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश

हिरण्यकश्यप और उसके पुत्र प्रह्लाद की ये कहानी न केवल एक धार्मिक गाथा है, बल्कि इसमें निहित निःस्वार्थ भक्ति और बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश, आज के विचलित समाज को ईश्वर की मौजूदगी और उसके न्याय के प्रति अधिक विश्वास दिलाता है।

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