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हस्तरेखा शास्त्र: लक्ष्मी-विष्णु योग बनाते हैं ये दो निशान

सामान्य रूप से ज्योतिष के कई रूप देखने को मिलते हैं। इनमें जहां पहले रूप में कुंडली का विश्लेषण किया जाता है, वहीं इसके अलावा हस्तरेखा शास्त्र से लेकर वास्तु शास्त्र सहित फेस रीडिंग के अतिरिक्त भी कई तरह से ज्योतिष शास्त्र के ही रूप हैं।

कुंडली में जहां ग्रहों की दशाओं और स्थितियों के आधार पर गणना की जाती है वहीं हस्तरेखा शास्त्र में हाथों की रेखाओं और उसमें बनने वाले निशानों के आधार पर परिणाम निकाले जाते हैं। इसके चलते जहां कुंडली को लेकर एक सामान्य व्यक्ति कई स्थितियों का अध्ययन करने में सक्षम नहीं हो पाता,वहीं हाथों में बनी रेखाओं और उससे बनने वाले निशानों को आसानी से पहचान लेता है।

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इस संबंध में हस्तरेखा शास्त्र के जानकार वीडी श्रीवास्तव के अनुसार यूं तो हाथ में कई रेखाएं होती है, लेकिन बहुत कम ऐसे निशान होते हैं, जिन्हें अत्यंत विशेष माना जाता है। इनमें भी हथेलियों में बनने वाले दो ऐसे निशान होते हैं, जो व्यक्ति का जीवन अत्यंत वैभवशाली बनाने में काफी सहयोग करते हैं।

वहीं श्रीवास्तव के अनुसार सिर्फ हाथ की लकीर से भविष्य का पूरी तरह से आंकलन करना ठीक नहीं होता, क्योंकि कुंडली के योग और ग्रह भी किसी व्यक्ति के भविष्य के आंकलन के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। ऐसे में यदि हाथों क रेखा और कुंडली दोनों किसी एक तरफ संकेत दे रहे हों तो ये संकेत काफी मायने रखता है।

हथेली में मौजूद रेखाओं के रहस्य के संबंध में कई जानकारों का कहना है कि ये रेखाएं कई खास चीजों के बारे में इशारा करते हुए बताती हैं, जिनमें मुख्य रूप से इनके अनुसार व्यक्ति का जीवन कैसा बीतेगा, उसके पास कितना पैसा होगा, वह भाग्यशाली होगा या नहीं और उसकी सेहत कैसी रहेगी आदि।

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इन रेखाओं के साथ ही हथेली पर कुछ विशेष निशान भी मौजूद होते हैं जिनमें से कुछ शुभ तो कुछ अशुभ माने जाते हैं। इन्हीं निशानों में दो निशान ऐसे भी होते हैं जो एक विशेष योग का निर्माण करते हैं और इस योग को लक्ष्मी-विष्णु योग कहा जाता है।

लक्ष्मी-विष्णु योग के संबंध में मान्यता है कि जिस किसी के हाथ में यह होता है वह धन के साथही वैभव और आराम से भरी जिंदगी जीता है। इसके अलावा जिनके हाथ में इस योग का निर्माण होता है वह बेहद धनवान और वैभवशाली होते हैं। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि ऐसे कौन से दो निशान होते हैं, जिनसे मिलकर लक्ष्मी-विष्णु योग का निर्माण होता है।

तो इस संबंध में हस्तशास्त्र के जानकार श्रीवास्तव के अनुसार शास्त्रों में हथेली पर स्वस्तिक का निशान अत्यंत शुभ माना जाता है। और यह निशान भगवान विष्णु से जुड़ा माना जाता है। ऐसे में ये भी देखने में आता है कि जिस व्यक्ति की हथेली पर स्वस्तिक का निशान मौजूद होता है, वह जीवन की हर परेशानी से बाहर निकल आते हैं। साथ ही ऐसे लोगों का हमेशा भाग्य साथ देता है।

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लेकिन ऐसे लोगों में खास बात ये भी होती है कि ये लोग भाग्य के सहारे न बैठते हुए सदैव ही कर्मठ बने रहते हैं। ऐसे लोगों के संबंध में कहा जाता है कि ये एक बार जिस चीज को पाने की सोच लेते हैं उसे अपनी मेहनत से पा कर ही रहते है वहीं इसमें इनका भाग्य भी विशेष साथ देता है। ये निशान अधिकांश भाग्य रेखा पर स्थित होता है।

वहीं इसी स्वस्तिक की तरह ही हथेली पर कमल का निशान भी ज्योतिष में बेहद शुभ माना गया है। इस निशान को धन की देवी मां लक्ष्मी से जोड़कर देखा जाता है। मान्यता के अनुसार इस निशान के हाथ वालें पर हमेशा माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। सााि ही ऐसे लोगों के आसपास दरिद्रता कभी फटकती तक नहीं है। माना जाता है कि ऐसे लोगों के जीवन में धन की कभी कमी नहीं होती।

ऐसे में यदि स्वस्तिक और कमल का निशान किसी एक ही व्यक्ति के हाथ में मौजूद हों, तो ये निशान मिलकर विष्णु-लक्ष्मी योग का निर्माण करते हैं। माना जाता है कि ऐसे व्यक्ति को जीवन में सदैव भाग्य और धन दोनों का साथ मिलता है। जिसके कारण ये लोग वैभवशाली जीवन तो बिताते ही हैं, इनका जीवन अत्यंत खास भी रहता है। इसका कारण ये माना जाता है कि ऐसे लोगों को पूरे जीवन में कोई परेशानी ज्यादा दिक्कत नहीं दे पाती।











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