बागवानी खेती 40% सब्सिडी योजना 2026 | Horticulture 40% Subsidy Scheme for Farmers India

Last Updated:December 22, 2025, 09:48 IST
Horticulture 40% Subsidy Scheme for Farmers India: उद्यान विभाग ने बागवानी को बढ़ावा देने के लिए नई सब्सिडी योजना शुरू की है, जिसके तहत फलदार पौधों की खेती पर इकाई लागत का 40% अनुदान दिया जाएगा. यह लाभ अधिकतम 2 हेक्टेयर तक की भूमि पर मिलेगा, जिससे किसानों को परंपरागत खेती के साथ-साथ बागवानी से भी जोड़ने में मदद मिलेगी.
बागवानी खेती की शुरुआत करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. उद्यान विभाग ने किसानों की आय बढ़ाने और फलदार पौधों की खेती को सुगम बनाने के उद्देश्य से ‘नई बागवानी प्रोत्साहन योजना’ शुरू की है. इस योजना के अंतर्गत किसानों को विभिन्न प्रकार के फलदार बाग लगाने के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक सहायता और अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा. विभाग की इस पहल का मुख्य लक्ष्य पारंपरिक खेती पर निर्भरता कम कर बागवानी को एक मजबूत आधार प्रदान करना है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त हो सके और किसानों को लंबी अवधि तक बेहतर मुनाफा मिल सके.

उद्यान विभाग की इस योजना के अनुसार, किसानों को बागवानी खेती शुरू करने के लिए निर्धारित इकाई लागत पर 40 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जाएगी. विभाग ने इस सहायता के लिए अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि की सीमा तय की है, जिससे छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों को सीधा लाभ मिल सके. इस योजना का मूल उद्देश्य अधिक से अधिक काश्तकारों को प्रोत्साहित करना है ताकि वे पारंपरिक फसलों के बजाय फलदार बागवानी को अपनाकर भविष्य में एक स्थिर और लाभकारी आय का स्रोत विकसित कर सकें.

इस योजना की एक सबसे महत्वपूर्ण शर्त यह है कि सभी श्रेणी के किसानों को अपनी खेती में ड्रिप सिंचाई प्रणाली (Drip Irrigation) को अनिवार्य रूप से अपनाना होगा. ड्रिप सिंचाई के उपयोग से न केवल पानी की भारी बचत होती है, बल्कि पौधों की जड़ों को सीधे और उचित मात्रा में नमी मिलती है, जिससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में वृद्धि होती है. इसके अतिरिक्त, यह तकनीक उर्वरकों के व्यय और श्रम की लागत को भी कम करती है. इस अनिवार्य शर्त का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब कम पानी या सूखे की मार झेलने वाले क्षेत्रों में भी किसान आसानी से और सफलतापूर्वक बागवानी खेती कर सकेंगे.
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हॉर्टिकल्चर सुपरवाइजर मुकेश मेघवाल ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि योजना की पहली श्रेणी में पपीता, बेल, बेर, आंवला, सीताफल, जामुन, करोंदा और कटहल जैसी फलदार फसलों को शामिल किया गया है. इन विशिष्ट फसलों के लिए विभाग द्वारा प्रति हेक्टेयर 70 हजार रुपए की इकाई लागत (Unit Cost) निर्धारित की गई है. इसका अर्थ यह है कि यदि किसान अपने खेत में इन पौधों की बागवानी करते हैं, तो उन्हें प्रति हेक्टेयर 70 हजार रुपए की लागत के आधार पर निर्धारित सब्सिडी राशि प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी शुरुआती खेती का खर्च काफी कम हो जाएगा.

योजना की दूसरी श्रेणी में आम, अमरूद, मौसंबी, नींबू, संतरा, किन्नू, अनार और लीची जैसी प्रमुख व्यावसायिक फसलों को शामिल किया गया है. इन फसलों के लिए सामान्य अंतराल पर पौधरोपण करने पर सरकार द्वारा 1.25 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर की इकाई लागत निर्धारित की गई है, जबकि आधुनिक ‘उच्च सघनता रोपण’ तकनीक अपनाने पर यह लागत 2 लाख रुपए प्रति हेक्टेयर तय की गई है. उद्यान विभाग इस सब्सिडी का भुगतान दो चरणों में करेगा. इसके तहत, स्वीकृत सहायता राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा पहले वर्ष में और शेष 40 प्रतिशत राशि दूसरे वर्ष में प्रदान की जाएगी. इस रणनीतिक भुगतान का उद्देश्य किसानों को पौधों के शुरुआती रखरखाव और उनकी उत्तरजीविता सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करना है.

इस योजना के तहत अनुदान का भुगतान तभी सुनिश्चित किया जाएगा, जब किसान विभाग द्वारा निर्धारित सभी तकनीकी मापदंडों और शर्तों को पूरा करेंगे. इच्छुक किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर या स्वयं ‘राज किसान साथी’ पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन प्रक्रिया के दौरान किसानों को जनआधार या आधार कार्ड, खेत की नवीनतम जमाबंदी (नकल) और बैंक पासबुक जैसे अनिवार्य दस्तावेज अपलोड करने होंगे, ताकि सब्सिडी की राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जा सके.
First Published :
December 22, 2025, 09:48 IST
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एग्रीकल्चर न्यूज: बागवानी खेती शुरू करने पर किसानों को मिलेंगे लाखों रुपए, सरक



