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कैसे मालदीव में और मजबूत हो गए भारत विरोधी राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, खुश है चीन – News18 हिंदी

Boost for Maldives president Muizzu: पिछले साल मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से मोहम्मद मुइज्जू अपनी पहली और सबसे कठिन परीक्षा में अव्वल नंबरों से पास हो गए. मोहम्मद मुइज्जू की मुख्य सत्तारूढ़ पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) ने रविवार को संसदीय चुनावों में साथ शानदार जीत हासिल की. इस चुनाव में मुइज्‍जू की पार्टी को पीपुल्स मजलिस (मालदीव की संसद) में 93 में से 60 से अधिक सीटों पर जीत मिली है. मुइज्‍जू की पार्टी को मिली इस सफलता पर चीन की सरकार ने खुशी जताई है. 

भारत के लिए दोहरी मारकई लोग इस परिणाम को भारत के लिए दोहरी मार के रूप में देख रहे हैं. क्योंकि इस चुनाव परिणाम ने मोहम्मद मुइज्जू को विपक्ष की निगरानी से मुक्त कर दिया है, जो अपने इंडिया आउट अभियान के दम पर सत्ता में आए थे. इसके अलावा उनकी सरकार आइलैंड देश की इंडिया फर्स्ट पॉलिसी से दूर जा रही है और उसका झुकाव चीन की ओर हो रहा है. माना जा रहा है कि मुइज्जू प्रशासन इन परिणामों को अपनी विदेश नीति के समर्थन के रूप में देखेगा. विशेषकर मालदीव से भारतीय सैनिकों को निष्कासित करने के निर्णय के मामले में. 

विपक्ष के लिए झटकापीएनसी को पीपुल्स मजलिस को बहुमत मिलना महत्वपूर्ण है, क्योंकि मालदीव में हमेशा खंडित जनादेश आता है. मोहम्मद मुइज्जू के लिए यह परिणाम इसलिए भी अहम है क्योंकि चुनाव से पहले उनके गुरु और एक अन्य चीन समर्थक नेता अब्दुल्ला यामीन भी उनसे अलग हो गए और अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बना ली थी. ये नतीजे भारत समर्थक और मुख्य विपक्षी दल, मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के लिए एक बड़ा झटका हैं, जो संसद में बहुमत की उम्मीद कर रही थी. संसद में अपनी ताकत का उपयोग करते हुए, उसने हाल ही में मुइज्जू से एक दल-बदल विरोधी कानून पास कराया था. 2019 में सुपर बहुमत हासिल करने वाली आखिरी और पहली पार्टी एमडीपी थी, जब उसने 65 सीटें जीती थीं.

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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल की. (फोटो रॉयटर्स)

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चीन ने जताई खुशीमुइज्‍जू को मिली इस सफलता पर चीन की सरकार खुश है. चीन के व‍िदेश मंत्री ने सबसे पहले मुइज्‍जू को इस बंपर जीत पर बधाई दी है. चीन ने कहा कि वह मालदीव के लोगों की पसंद का सम्‍मान करता है. चीन ने यह भी ऐलान किया कि वह मालदीव की सरकार के साथ रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने का इच्‍छुक है. चीन ने कहा कि वह मालदीव के साथ व‍िभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग के व‍िस्‍तार का इच्‍छुक है तथा रणनीतिक भागीदारी को और मजबूत करना चाहता है. 

बदलनी होगी नीतिवहीं, विशेषज्ञों ने भारत को मालदीव को लेकर नीति में बदलाव की नसीहत दी है. भारत के पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्‍बल ने कहा, “मालदीव के संसदीय चुनावों में मुइज्‍जू की बंपर जीत दिखाती है कि भारत विरोधी और चीन समर्थक भावना को वहां की जनता का व्‍यापक समर्थन प्राप्त है. भारत को अपने दृष्टिकोण में बदलाव की जरूरत है.” मुइज्जू ने स्वयं लोगों से मालदीव की संप्रभुता और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए मतदान करने और एक सरकार समर्थक मजलिस सुनिश्चित करने का आग्रह किया था जो उनके विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने में मदद करेगी.

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भारत विरोध को भुनायाचुनावों से पहले, मुइज्जू सरकार ने मालदीव से भारतीय सैनिकों के निष्कासन को अपनी प्रमुख उपलब्धियों में से एक के रूप में उजागर किया था. मुइज्जू ने अपने भारत समर्थक पूर्ववर्ती इब्राहिम सोलिह पर विदेशी सरकार से आदेश लेने का भी आरोप लगाया. पहले बीजिंग की यात्रा करने और चीन के साथ एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करने के अलावा, मुइज्जू ने उस समझौते से बाहर निकलकर भारत के साथ सुरक्षा और समुद्री सहयोग को सीमित करने की भी मांग की थी, जिसने भारतीय नौसेना को मालदीव के जल क्षेत्र में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी थी.

Tags: Election, Foreign policy, India, Maldives

FIRST PUBLISHED : April 23, 2024, 16:48 IST

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