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50 की उम्र में 18 वाली फिगर, कैसे मैंटेन करती हैं मलाइका अरोड़ा? जान‍िए क्‍या है एक्ट्रेस की सीक्रेट वॉटर थेरेपी

Malaika Arora Water Therapy: बॉलीवुड सेलीब्र‍िटीज जब भी अपनी फिटनेस, ब्‍यूटीफुल फिगर और ग्‍लोइंग स्‍क‍िन का राज बताते हैं तो वो सबसे पहले बात करते हैं ‘पानी की’. दीपिका पादुकोण हों, प्रि‍यंका चोपड़ा, आल‍िया भट्ट या फिर कृति सेनन, हर हीरोइन बताती है कि वो ढेर सारा पानी पीती है. दरअसल हाइड्रेशन हमारे शरीर की बेहद जरूरी और अहम जरूरत है. 50 की उम्र में भी फिटनेस क्‍वीन मलाइका अरोड़ा की भी फिटनेस का राज उनकी ‘वॉटर थेरेपी’ ही है. इसके अलावा मलाइका अपने रुटीन, डाइट, पोर्शन कंट्रोल जैसी चीजों पर खास ध्‍यान देती हैं.

1 घंटे तक चलती है वॉटर थेरेपीहाल ही में मलाइका ने अपने बेटे के साथ म‍िलकर एक नया रेस्‍तरां खोला है. मालइका के इस नए रेस्‍तरां ‘द स्‍कारलेट हाउस’ में मलाइका की स्‍पेशल वॉटर थेरेपी के शॉट्स और उनकी स्‍पेशल डाइट के रेसेपीज भी खाने को म‍िलेंगी. इसी रेस्‍तरां को लेकर द‍िए अपने लेटेस्‍ट इंटरव्‍यू में मलाइका ने अपनी पूरी डाइट लोगों को बतायी है. मलाइका अरोड़ा ने कर्ली टेल्‍स को द‍िए इस खास इंटरव्‍यू में बताया, ‘मैं लगभग 6.30 या 7 बजे के बीच उठती हूं. मैं अपना दिन ग्रैट‍िट्यूड प्रेयर के साथ शुरू करती हूं. फिर मेरी वॉटर थेरेपी शुरू होती है, जो लगभग 45 म‍िनट से 1 घंटे तक चलती है. इसमें मेरे अदरक शॉट्स, जीरा वॉटर, लेमन वॉटर वगैरह मैं पीती हूं. हल्‍दी का पानी पीती हूं. मैं इसमें ग्रीन जूस भी पीती हूं. कुछ भी खाने से पहले खूब सारा पानी पीती हूं.’ अपनी इस वॉटर थेरेपी के बाद मलाइका 1 घंटे का योगा करती हैं.

Malaika Arora reveals her Water Therapy and diet plan
मलाइका का कहना है, ‘एक्‍सरसाइज या योगा के बाद मैं अच्‍छा भारी ब्रेकफास्‍ट खाती हूं.

कैलरी नहीं, पोर्शन करती हूं कंट्रोलउन्‍होंने आगे बताया, ‘एक्‍सरसाइज या योगा के बाद मैं अच्‍छा भारी ब्रेकफास्‍ट खाती हूं. ब्रेकफास्‍ट में मैं कुछ भी खा सकती हूं जैसे पोहा, पराठा, अंडे, डोसा जैसा कुछ भी. फिर में लंच करती हूं जो कुछ भी हो सकता है. मैं कैलरी कंट्रोल से ज्‍यादा पोर्शन कंट्रोल पर ध्‍यान देती हूं. मैं प्‍लेट में नहीं खाती. मेरा एक बाउल (कटोरा) है, मैं उसी में लेकर, उसी ह‍िसाब से खाती हूं. मेरा ड‍िनर 7 बजे तक हो जाता है.’ मलाइका बताती हैं, ‘मेरी डाइट में कार्ब्‍स जरूर होता है. चाहे मैं उसकी मात्रा ल‍िम‍िट करती हूं, पर वो होता है. क्‍योंकि ब‍िना कार्ब्‍स के मैं थकावट महसूस करती हूं. हालांकि मैं बैलेंस कर लेती हूं जैसे अगर लंच में ज्‍यादा कार्ब्‍स हैं तो ड‍िनर में मैं हल्‍का कार्बोहाइड्रेट लेती हूं.’

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