प्रेग्नेंसी में कितना घातक है एनीमिया? शिशु की सेहत पर क्या होता है असर, डॉक्टर से जानें लक्षण और बचाव के तरीके

Last Updated:March 23, 2025, 18:28 IST
Anaemia In Pregnancy: प्रेग्नेंसी में एनीमिया आम समस्या है जिससे हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है. इसके लक्षण थकान, कमजोरी, सांस की कमी आदि हैं. इलाज में आयरन अनुपूरक और विटामिन सी का सेवन शामिल है.
प्रेग्नेंसी में एनीमिया भ्रूण के लिए कितना घातक? डॉक्टर से जानें-
हाइलाइट्स
प्रेग्नेंसी में एनीमिया से हीमोग्लोबिन का स्तर कम होता है.लक्षणों में थकान, कमजोरी, सांस की कमी शामिल हैं.इलाज में आयरन अनुपूरक और विटामिन सी का सेवन शामिल है.
Anaemia In Pregnancy: प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के लिए जितना सुखद, उतना ही जोखिम भरा भी होता है. इसलिए मां की सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए. क्योंकि, मां से ही बच्चे की सेहत निर्भर करती है. ऐसे में सेहतमंद रहने के एक ही फॉर्मूला है हेल्दी लाइफस्टाइल और खानपान. क्योंकि, इस दौरान मां का खानपान ही बच्चे को पालता है. प्रेग्नेंसी के दौरान एक बीमारी जिसका जिक्र बार-बार आता है, और बेहद कॉमन माना जाता है. इसका नाम है एनीमिया. एनीमिया की वजह से रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है और उसके बाद समस्या शुरू हो जाती है.
हीमोग्लोबिन का काम होता है लाल रक्त कोशिकाओं को ऑक्सीजन इकट्ठा करने और उसे पूरे शरीर में पहुंचाने का और अगर कम होगा तो मुश्किल बढ़ जाएगी. अब सवाल है कि आखिर प्रेग्नेंसी में एनीमिया शिशु की सेहत के लिए कितना घातक? क्या होते हैं एनीमिया लक्षण? एनीमिया से कैसे करें बचाव? इस बारे में बता रही हैं राजकीय मेडिकल कॉलेज कन्नौज में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की गायनेकोलॉजिस्ट एवं सर्जन डॉ. शिखा भारती-
प्रेग्नेंसी में क्यों होता है एनीमिया?
डॉक्टर के मुताबिक, एनीमिया एक ऐसी स्थिति है जहां पर एक गर्भवती महिला के रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से काफी कम हो जाता है जिसकी वजह से पूरे शरीर में ऑक्सीजन सही मात्रा में नहीं पहुंच पाता है. सामान्य तौर पर एनीमिया की स्थिति तब मानी जाती है जब आपको पर्याप्त मात्रा में आयरन ना मिले. आयरन अगर नहीं मिलेगा तो रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाएगा और इसी रक्त की कमी को एनीमिया कहते हैं.
क्या होगा अगर प्रेग्नेंसी में एनीमिया हो जाए तो…
अगर किसी गर्भवती महिला के खून में पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं होगा तो शरीर के अंगों और ऊतकों को सामान्य से कम ऑक्सीजन मिलेगी. गर्भ में मौजूद शिशु मां के द्वारा मिल रही चीजों और ऑक्सीजन पर निर्भर करता है इसलिए उसके स्वास्थ्य के लिए बेहतर भी नहीं होगा. अगर हम भारत की बात करें तो भारत महिलाओं में आयरन की कमी वाली एनीमिया का सबसे बड़ा देश है. शोध की मानें तो भारत में 10 में से 6 गर्भवती महिलाओं में एनीमिया है.
एनीमिया होने पर क्या दिखते हैं लक्षण
थकान, कमजोरी या ऊर्जा में कमी महसूस होना. सांस की कमी महसूस होना, चक्कर आना, सिर दर्द होना. चिड़चिड़ापन, टांगों में ऐंठन, बाल झड़ना, भूख कम हो जाना इत्यादि. यह कुछ साधारण लक्षण हैं, जिनके जरिए किसी भी गर्भवती महिला के बारे में पता लगाया जा सकता है कि वह एनीमिया से पीड़ित है या नहीं. इसके अलावा डॉक्टर से भी नियमित परामर्श लेते रहें.
एनीमिया का भ्रूण पर प्रभाव
भ्रूण पर एनीमिया का क्या प्रभाव पड़ेगा? यह एनिमिया के स्तर पर निर्भर करता है. सामान्यतः आपका शरीर पहले यह निर्धारित करता है कि शिशु को भरपूर मात्रा में उसके हिस्से का आयरन मिले उसके बाद आपको मिले. अगर आयरन का स्तर बहुत ही कम या गंभीर स्तर तक न पहुंच जाए तो बच्चे के ऊपर खास असर नहीं पड़ेगा.
एनीमिया का क्या है इलाज?
इलाज के तौर पर गर्भवती महिलाओं को आयरन अनुपूरक लेने की सलाह दी जाती है. इसमें 0.5 ग्राम फोलिक एसिड और सौ ग्राम एलिमेंटल आयरन होता है. यह आदर्श मात्रा बताई जाती है. साधारण तौर पर भरपूर भोजन के साथ विटामिन सी (जैसे नींबू पानी का सेवन) लेना भी आयरन का स्तर बेहतर करने में मदद करता है.
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First Published :
March 23, 2025, 18:28 IST
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प्रेग्नेंसी में कितना घातक है एनीमिया? जानें शिशु की सेहत पर क्या होता है असर